करनाल पुलिस की बड़ी कार्रवाई, धोखाधड़ी से करोड़ों रुपये हड़पने वाले आरोपितों की संपत्ति कुर्क
करनाल में पुलिस ने फर्जी कंपनियां खोलकर मोटी रकम देने का लालच देने वाले आठ आरोपितों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। सभी आरोपित इन कंपनियों में प्रमुख पदों पर तैनात थे। इन कंपनियों में स्टाफ तैनात किया हुआ था और फील्ड में भी अपने एजेंट छोड़े हुए थे।
करनाल, जागरण संवाददाता। करनाल में फर्जी कंपनियां खोलकर एफडी व आरडी खोलने के बाद मैच्योरिटी के तौर मोटी रकम देने का लालच देने वाले आठ आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने इन आठों आरोपितों के घर, प्लाट, खेत, व्हीकल व बैंक में जमापूंजी को कुर्क कर दिया है। इस चल-अचल संपत्ति की कीमत दो करोड़ 59 लाख 45 हजार 252 रुपये है।
यह कार्रवाई हरियाणा प्रोटेक्शन आफ इंटरेस्ट आफ डिपाजिटर्स इन फाइनेंस इस्टेब्लिशमेंट एक्ट, 2013 के प्रावधानों के तहत की गई है। इस संपत्ति पर अब आरोपितों का कोई अधिकार नहीं रह गया है। इन आरोपितों ने मैच्योरिटी के तौर पर मोटी रकम देने का वादा करके सैंकड़ों लोगों के साथ करीब दाे करोड़ 41 लाख 60 हजार 473 रूपये की धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया था।
इन आराेपितों पर हुई कार्रवाई
सिटी पुलिस थाने के उप निरिक्षक सुखबीर सिंह व सीआइए वन के उप निरीक्षक सलेंद्र सिंह के नेतृत्व में आरोपित पंजाब के अमृतसर शहर की एनआरआइ कालोनी निवासी मलूक सिंह, उसकी पत्नी व कंपनी में निदेशक भूपिंद्र कौर, उनके पुत्र व कंपनी में निदेशक हरप्रीत सिंह, उनके पुत्र व कंपनी में उपाध्यक्ष गुरप्रीत सिंह, कंपनी में निदेशक अमृतसर के लोहरी गेट निवासी सौरभ महाजन, अमृतसर के मेहता रोड निवासी मंदीप कौर, करनाल के हकीकत नगर निवासी शशि भूषण व उसके पुत्र महेश यादव की चल-अचल संपत्ति कुर्क की गई है।
इन आठों पर दर्ज धोखाधड़ी के मामलों में अभी तक केवल एक ही आरोपित मलूक सिंह उप्पल को इसी साल 14 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। वह फिलहाल जेल में है। उसके खिलाफ जिला कुरुक्षेत्र में भी इसी तरह की धोखाधड़ी के तीन मामले दर्ज हैं।
ऐसे रचा धोखाधड़ी का खेल
आरोपितों द्वारा सर्वोत्तम विकास मल्टी स्टेट हाउसिंग कापरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सर्वोत्तम सैल्फ ग्रोथ निधी लिमिटेड, सर्वोत्तम हाई टैक लिमिटेड और सर्वोत्तम हाई-टेक इंफ्रा डवल्पर्स लिमिटेड के नाम से फर्जी कंपनियां पंजाब के अमृतसर में खोल रखी थी और इनकी फर्जी शाखा करनाल में भी खोली हुई थी। सभी आरोपित इन कंपनियों में प्रमुख पदों पर तैनात थे। आरोपितों ने इन कंपनियों में स्टाफ तैनात किया हुआ था और फील्ड में भी अपने एजेंट छोड़े हुए थे।
कर्मचारी लोगों को विश्वास में लेकर एफडी और आरडी करने के नाम पर मोटी ब्याज दर देने का लालच देकर व मैच्योरिटी के समय पर मोटी रकम देने का लालच देकर लोगों को फंसाते थे और एक लम्बी अवधि के लिए किश्त जमा करते थे। आरोपितों ने लोगों की विभिन्न समयावधि की एफडी और आरडी खोली थी।
जब लोगों की एफडी और आरडी का समय पूरा होने लगा और लोग अपनी जमापूजीं मांगने लगे तो आरोपित अपनी कंपनियों को बंद करके भागने लगे। लोगों को अपने झांसे में लेने के लिए आरोपित कैंप व सेमिनार भी लगाते थे और मैच्योरिटी के समय पर जमीन, मकान व नगदी देने का लालच भी देते थे।
झुग्गी-झोपड़ी वालों को भी बनाया ठगी का शिकार
शिकायतकर्ता सेक्टर आठ निवासी एलजे बौरीसन के बयान के आधार पर इसी साल तीन जनवरी को धोखाधड़ी का मामला सिटी पुलिस थाने में दर्ज किया गया था। सेक्टर 32-33 स्थित झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले कैलाश चौधरी, मीरा देवी, दीपक चौधरी, रामचंद्र दास, रामपुरी देवी, डीगन शाह, वीना, कमली देवी, आनंदी शाह, फूल कुमारी, रामबाबू, वीपत दास व गुजरी देवी ने भी इसी साल एक मार्च को धोखाधड़ी का मामला सिटी पुलिस थाने में दर्ज करवाया था।