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कोरोना वैक्सीनेशन के लिए निजी अस्पतालों को करने होंगे पर्याप्त इंतजाम

प्रत्येक लाभार्थी से निजी अस्पताल 100 रुपये सर्विस चार्ज व वैक्सीन डोज की कीमत ले सकते हैं। डोज की कीमत केंद्र सरकार जल्द तय करेगी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 06:04 AM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 06:04 AM (IST)
कोरोना वैक्सीनेशन के लिए निजी अस्पतालों को करने होंगे पर्याप्त इंतजाम
कोरोना वैक्सीनेशन के लिए निजी अस्पतालों को करने होंगे पर्याप्त इंतजाम

जागरण संवाददाता, पानीपत : कोरोना वैक्सीनेशन का सेकेंड फेज एक मार्च से शुरू होगा। साठ साल या इससे अधिक आयु और पुरानी बीमारियों से पीड़ित 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को टीका लगना है। आयुष्मान भारत योजना के पैनल वाले अस्पताल टीकाकरण अभियान में सरकार का साथ दें। निजी अस्पतालों में भी आमजन का वैक्सीनेशन हो, इसके लिए पर्याप्त इंतजाम भी किए जाएं। यह बातें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) हरियाणा के डायरेक्टर प्रभजोत सिंह ने वीडियो कांफ्रेंस में निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों से कही।

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उन्होंने बताया कि लाभार्थियों के लिए कोविन डिजिटल प्लेटफॉर्म 1.0 से अपग्रेड होकर 2.0 होगा। आरोग्य सेतू एप में भी बदलाव किया जा रहा है, ताकि लाभार्थी घर बैठे एंड्रायड मोबाइल फोन या लैपटॉप-टैब की मदद से वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकें। प्रत्येक लाभार्थी से निजी अस्पताल 100 रुपये सर्विस चार्ज व वैक्सीन डोज की कीमत ले सकते हैं। डोज की कीमत केंद्र सरकार जल्द तय करेगी।

निजी अस्पताल के संचालकों ने वैक्सीनेशन अभियान में स्वास्थ्य विभाग का साथ देने का भरोसा दिया। इस मौके पर सिविल सर्जन डा. संतलाल वर्मा, डिप्टी सिविल सर्जन डा. नवीन सुनेजा, डा. गिरीश अरोड़ा, डा. पवन बंसल, डा. तेजेंद्र खरबंदा, डा. हवा सिंह, डा. पुनीत मल्होत्रा, डा. आरपी मित्तल मौजूद रहे।

निजी अस्पतालों में हों पांच कर्मचारी : निजी अस्पताल यदि कोरोना वैक्सीनेशन सत्र लगाना चाहते हैं तो उन्हें पांच कर्मचारी तैनात करने होंगे। इनकी ड्यूटी लाभार्थी की आइडी जांचने, डिटेल दर्ज करने, टीका लगाने, एडवर्स इवेंट्स फालोइंग इम्यूनाइजेशन (एईएफई) कक्ष में रहेगी। एक कोविड मैनेजर होगा, वह कोई डाक्टर या अस्पताल का निदेशक ही हो सकता है।

ये करने होंगे इंतजाम

पांच टेबल लगानी होंगी। वेटिग एरिया, वैक्सीनेशन कक्ष, आब्जर्वेशन रूम, एईएफई कक्ष होना चाहिए। एक कक्ष में ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ बेड होना चाहिए। वैक्सीनेशन के बाद प्रतिकूल घटना से निपटने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक, स्टाफ सहित इलाज की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए।

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