लाखू बुआना के प्रिस ने एशियन चैंपियनशिप में दिखाया कमाल, जीता बेस्ट ब्लॉकर का खिताब
लाखू बुआना गांव के प्रिस मलिक उर्फ लंबू ने अंडर-23 एशियन वॉलीबॉल चैंपियनशिप में बेस्ट ब्लॉकर के खिताब जीता है। यह प्रतियोगिता 3 से 11 अगस्त को म्यामार में हुई और इसमें भारत की टीम नें रजत पदक जीता।
विजय गाहल्याण, पानीपत: लाखू बुआना गांव के प्रिस मलिक उर्फ लंबू ने अंडर-23 एशियन वॉलीबॉल चैंपियनशिप में बेस्ट ब्लॉकर के खिताब जीता है। यह प्रतियोगिता 3 से 11 अगस्त को म्यामार में हुई और इसमें भारत की टीम नें रजत पदक जीता। प्रिस ने बताया कि उनके पिता बलवान सिंह दिल्ली पुलिस में इंस्पेक्टर हैं और अंतरराष्ट्रीय वॉलीबॉल खिलाड़ी रहे हैं। भाई व बहन एमबीबीएस कर रहे हैं। उसका मन पढ़ाई नहीं लगता था। उसे को पिता की तरह वालीबॉल खेल में महारत हासिल करनी थी। कद 6 फीट 8 इंच होने के कारण दोस्त मजाक उड़ाते थे। पिता ने हौसला बढ़ाया और किसी की परवाह न करके खेल पर ध्यान देने की नसीहत दी। कुरुक्षेत्र साईं सेंटर में कड़ा अभ्यास किया। इससे खेल में निखार आया और उसने आल इंडिया यूनिवर्सिटी में स्वर्ण और जूनियर नेशनल में कांस्य पदक जीता। 2018 में हुई प्रो. वालीबॉल चैंपियनशिप में बेहतरीन प्रदशर्न किया और इंडिया की टीम में चयनित हुआ। इससे उसका जीवन ही बदल गया। अब उसका लक्ष्य सीनियर टीम में जगह बनाकर एशियन गेम्स में पदक दिलाना है। प्रिस की सफलता पर लाखू बुआना गांव में ग्रामीणों ने लड्डू बांटकर खुशी जताई। एडवोकेट दीपक मलिक ने कहा कि प्रिस ने गांव का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है।
प्रिस की बड़ी उपलब्धि से सीख लें युवा
जिला वॉलीबॉल संघ के सचिव नरेंद्र महराणा का कहना है कि प्रिस वॉलीबॉल के मैदान में सेंटर ब्लॉकर के तौर पर खेलते हैं। विरोधी टीम के खिलाड़ी बॉल से अटैक करते है तो प्रिस उसे विफल करने में माहिर हैं। यही खूबी प्रिस को न सिर्फ अन्य खिलाड़ियों से अलग बनाती है बल्कि टीम की जीत में भी कारगर होती है। युवा खिलाड़ी प्रिस से सीख ले और कड़ा अभ्यास करें।