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हरियाणा के इस गांव की तारीफ करते हैं प्रधानमंत्री भी, जानिए क्‍या है खास वजह

प्रधानमंत्री भी यमुनानगर के गांव बैंडी की तारीफ करते हैं। गांव बैंडी जल संरक्षण की मिसाल बन चुकी है। कभी सड़क पर पानी बहता था और अब यहां का तालाब आकर्षण बना है। ये तालाब किसी पर्यटन स्थल से कम नहीं है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 04:10 PM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 04:10 PM (IST)
हरियाणा के इस गांव की तारीफ करते हैं प्रधानमंत्री भी, जानिए क्‍या है खास वजह
यमुनानगर के गांव बैंडी जल संरक्षण की मिसाल बना।

पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। यमुनानगर एक ऐसा गांव है जिसकी तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी करते हैं। जी हां, ये सच है। यमुनानगर के बैंडी गांव की खासियत ही कुछ ऐसी है कि हर किसी को ये गांव अपनी ओर खींचता है।

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ग्राम पंचायत बैंडी जल संरक्षण की मिसाल बने हुए हैं। यहां दो एकड़ में बना फाइव पोंड सिस्टम पर आधारित तालाब पर्यटन स्थल से कम नहीं है। गांव की कोई नाली खुली नहीं है। निकासी के लिए पाइप लाइन दबी है। इसके अलावा सुरक्षा के लिहाज से गांव में 32 सीसीटीवी कैमरे, गली-गली में सोलर लाइटें ऊर्जा संरक्षण का संदेश दे रहीं है। 32 वर्षीय ग्रेजुएट सरपंच अजय के प्रयासों से यह सब संभव हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ट्वीटर पर गांव में हुए विकास कार्यों की सराहना कर चुके हैं। गांव की आबादी करीब 1800 है।   

भैंसे चोरी हुई तो लगवाए सीसीटीवी कैमरे

सरपंच अजय बताते हैं कि जून माह में गांव से भैंसे चोरी हो गई थी। दिमाग में आया क्यों न सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए जाएं। इसके मद्देनजर गांव के मुख्य स्थानों पर उच्च गुणवत्ता के सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए। इसका कंट्रोल सरपंच के कार्यालय में है। इनसे गांव में आने-जाने वालों पर निगाह रहती है।

Gram panchayat bandy

अब नहीं ओवरफ्लो की समस्या

गांव में पानी की निकासी की बड़ी समस्या था। कोई ऐसा पार्क नहीं था जहां सुबह-शाम ग्रामीण सैर कर सकें। गांव बाहर एक तालाब था जो अकसर ओवर-फ्लो रहता था और इसका पानी सड़क पर जमा रहता था। पंचायती राज विभाग के एसडीओ प्रदीप धीमान ने फाइव पोंड सिस्टम पर आधारित तालाब बनाने का आइडिया दिया। आइडिया अच्छा लगा। क्योंकि ऐसा करने से सभी समस्याओं का हल संभव था। दो वर्ष की लगातार मेनहत के बाद जल संरक्षण भी संभव हुआ और तालाब की सुंदरता भी मुंह बोल रही है। दूसरी ग्राम पंचायतों से लोग इसे देखने के लिए आते हैं।

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बैठने के लिए लोहे के बैंच

कई ग्राम पंचायतों में सीमेंट के बैंच टूटने की शिकायतों के बाद गांव में सीमेंट के 41 बैंच रखवाए गए। प्रशासनिक अधिकारियों ने गांव में इन बैंचों को देखकर अन्य ग्राम पंचायतों में भी लोहे के बैंच रखवाए।

यह भी जानिए

पंचों को अलग-अलग काम सौंपे हैं। पंच सीमा देवी पेंशन, पेयजल व बिजली निगम से संबंधित काम संभालती हैं। अनिल कुमार तालाब की देखरेख व सफाई संबंधी कार्यों का जिम्मा संभाल रहे हैं। कुलदीप पैलेस की देखरेख व विभिन्न आयोजनों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। गुरमीत योगशाला का काम देखते हैं। इसके अलावा स्वच्छता, शिक्षा, कृषि संबंधित कामों को और भी बेहतर बनाने के लिए पंचायत समितियां बनाई हुई हैं। इनमें पंचायत सदस्यों के अलावा गांव के डॉ. महेंद्र, मास्टर अशोक धीमान, अंकुश धीमान, मुकेश धीमान व डॉ. वेदप्रकाश का पूरा योगदान रहता है।

यह सुविधा भी दी

गांव में ग्राम पंचायत की 75 एकड़ कृषि योग्य जमीन भी है। हर ट्यूबवेल पक्के रास्ते से जुड़ा है और बिजली कनेक्शन भी है। जल संरक्षण के लिए पाइप लाइन है। हरियाली को बढ़ावा देने के लिए तालाब की पगडंडियों पर पौधे लगाए हुए हैं।


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