कोरोना के कारण डेढ़ गुना तक बढ़े ऑक्सीमीटर-स्टीमर के दाम
पल्स ऑक्सीमीटर स्टीमर डिजिटल ग्लूकोमीटर थर्मामीटर नेब्यूलाइजर व ब्लड प्रेशर जांच मशीन जैसी मेडिकल डिवाइस अब मेडिसिन की श्रेणी में शामिल हैं।
जागरण संवाददाता, पानीपत : कोरोना की मार रेमडेसिविर, फैबिफ्लू टैबलेट, टोसिलिजुमैब, एनोक्सैरिन के बाद मेडिकल डिवाइस पर भी पड़ी है। पल्स ऑक्सीमीटर, स्टीमर, डिजिटल ग्लूकोमीटर जैसी कई डिवाइस के दाम डेढ़ गुना तक बढ़ गए हैं। बाजार में डिवाइस की कमी है, खुदरा दुकानदार ग्राहकों की पूर्ति नहीं कर पा रहे हैं।
दरअसल, पल्स ऑक्सीमीटर, स्टीमर, डिजिटल ग्लूकोमीटर, थर्मामीटर, नेब्यूलाइजर व ब्लड प्रेशर जांच मशीन जैसी मेडिकल डिवाइस अब मेडिसिन की श्रेणी में शामिल हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन से लाइसेंस लिए बिना इनकी बिक्री अवैध है। कालांतर में चीन का माल बाजार में आता था, सस्ता होने के कारण खुदरा रेट कम थे। चीन से माल आना कम, दिल्ली में लॉकडाउन जैसी स्थिति, थोक बाजार में स्टॉक का अभाव होने से मेडिकल डिवाइस की कीमतें एकाएक बढ़ी हैं।
सिविल अस्पताल के बाहर, जीटी रोड स्थित चौधरी मेडिकल स्टोर के संचालक सुधीर ने बताया कि रेट बढ़ने के साथ, डिवाइस मिल नहीं रही है। एक सप्ताह पहले आर्डर दिया था, अभी तक माल नहीं आया है। डिवाइस का नाम फरवरी में कीमत अब कीमत पल्स ऑक्सीमीटर 300-400 1000-1500
नेब्यूलाइजर 1000 1500
स्टीमर 200 350-400
डिजिटल थर्मामीटर 100 150
ग्लूकोमीटर 600 700
बीपी मशीन 1200-1300 1500-2000 मानकों पर उतरना होगा खरा
मेडिकल डिवाइस रूल्स-2017, भारतीय मानक ब्यूरो(बीआईएस)प्रमाणन के तहत डिजिटल मेडिकल डिवाइस को निर्धारित मानकों पर खरा उतरना होगा। उत्पादन के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआइ)नई दिल्ली से लाइसेंस होता है। बिक्री के लिए जिला औषधि नियंत्रक के यहां लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा।