Haryana Municipal polls: निकाय चुनाव की हलचल तेज, जींद में यूं चढ़ने लगा सियासी पारा
जींद में नगर निकाय चुनावों को सियासी गर्मी बढ़ने लगी है। जींद में चुनाव आयोग की ओर से चुनाव सामग्री भी भेजी जा रही है। हालांकि अभी तक चुनाव की तारीख की घोषणा नहीं हुई है। वहीं उम्मीदवारों के लिए भी लोग आगे आ रहे हैं।
जींद, जागरण संवाददाता। नगर निकाय चुनाव के लिए अभी तक डेट फाइनल नहीं हुई है। लेकिन चुनाव आयोग की तरफ से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। जींद में नगर निकाय चुनाव के लिए ईवीएम के अलावा नामांकन फार्म सहित चुनाव सामग्री पहुंच चुकी है। बता दें कि नगर परिषद जींद प्रधान का कार्यकाल 21 जून को पूरा हो चुका है। प्रदेश में 45 नगर परिषद और नगर पालिकाओं में चुनाव होने हैं। नगर निकाय चुनाव में प्रधान पद का इस बार सीधा चुनाव होना है। इसलिए नगर परिषद चुनाव में लोगों की दिलचस्पी और भी ज्यादा बढ़ गई है। प्रधान पद के लिए ड्रा पहले हो चुका था। जिसमें जींद नगर परिषद में सामान्य श्रेणी में प्रधान पद महिला के लिए आरक्षित हुआ था। लेकिन सरकार ने ड्रा को रद्द करते हुए दोबारा ड्रा करने का फैसला लिया है।
22 सितंबर को ड्रा होना है जींद में कई दिग्गज खुद चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन पिछली बार हुए ग्राम में महिला के लिए पद आरक्षित होने के कारण उनका चुनाव लड़ने का सपना टूट गया था। अब दोबारा ड्रा होने से उनकी उम्मीदें भी बढ़ी है। आस लगाए बैठे हैं कि प्रधान पद सामान्य श्रेणी में आ जाए। भाजपा के टिकट पर नगर परिषद पूर्व प्रधान विनोद आसरी, वरदान अस्पताल की डायरेक्टर मीना शर्मा, भाजपा जिला उपाध्यक्ष राज सैनी, वरिष्ठ भाजपा नेता सज्जन गर्ग समेत कई दावेदार हैं। वहीं कांग्रेस की टिकट पर पूर्व नगर परिषद प्रधान मुकेश देवी, राजू लखीना, नरेंद्र नाडा, महावीर कंप्यूटर, राजकुमार गोयल सहित दावेदारों की लिस्ट लंबी है। प्रवीण बेनीवाल, सुनील वशिष्ठ, अतुल प्रताप चौहान, रणधीर राणा समेत कई लोग भी निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।
चुनाव के लिए अब तक क्या-क्या हो चुकी तैयारियां
शहर में वार्ड बंदी का काम पूरा हो चुका है 33 वार्डों में 117424 वोटर मतदान करेंगे। जिनमें 61952 पुरुष और 554469 महिला मतदाता हैं। तीन मतदाता ट्रांसजेंडर हैं। वोटिंग के लिए कुल 124 बूथ बनाए गए हैं।
पिछली बार भी सामान्य श्रेणी में था प्रधान पद
साल 2016 में प्रधान पद का चुनाव सीधा तो नहीं लड़ा गया था। लेकिन प्रधान पद सामान्य श्रेणी में था। जिस पर भाजपा नेता जवाहर सैनी की पत्नी पूनम सैनी, जो वार्ड 7 से पार्षद बनी थी, प्रधान थी। उनके मुकाबले में पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह की नजदीकी सुदेश देवी थी। लेकिन पार्षदों का बहुमत पूनम सैनी को मिला था। बाहर सैनी मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नजदीकी रहे हैं, जिसका फायदा उनकी पत्नी को मिला।