Coronavirus के खिलाफ पानीपत युद्ध भूमि से जंंग की तैयारी, शुगर मिल-रिफाइनरी का बड़ा कदम
पानीपत की शुगर मिल में सैनिटाइजर तैयार किया जा रहा है। यह बाजार से 60 फीसद तक सस्ता है। वहीं रिफाइनीर ने फेस मास्क के लिए कच्चा माल बनाना शुरू कर दिया है।
पानीपत, [विजय गाहल्याण]। विश्व भर में कोरोना वायरस की दहशत है। हर किसी में इस संक्रमण का खौफ है। वहीं एक बार फिर युद्ध भूमि कही जाने वाली पानीपत की धरती से कोरोना के खिलाफ जंग शुरू हो गई है। पानीपत की शुगर मिल और पानीपत रिफाइनरी ने एक बड़ा कदम उठाया है। कोरोना के खिलाफ लड़ रहे लोगों के लिए न सैनिटाइजर की कमी होगी और न फेस मास्क के कच्चा माल की।
कोरोना से जंग में सैनिटाइजर की कमी नहीं रहेगी। लोगों को सस्ते दाम पर अच्छी क्वालिटी का सैनिटाइजर मिलेगा। सोमवार से पानीपत शुगर मिल की डिस्ट्रिलरी ने सैनिटाइजर का उत्पादन शुरू कर दिया है। 180 एमएल, पांच लीटर और दस लीटर की पैकिंग में सैनिटाइजर बनाया जा रहा है। एक दिन में दस हजार लीटर सैनिटाइजर बनाने का लक्ष्य तय किया है। सैनिटाइजर के प्रदेश के अलावा दिल्ली, चंडीगढ़, राजस्थान, उत्तर प्रदेश में भेजा जाएगा। डिस्ट्रिलरी की ओर से रोहतक पीजीआइ, मेडिकल कॉलेज खानपुर, कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज करनाल, सभी चीफ मेडिकल ऑफिसर और सिविल सर्जन को इस बारे में पत्र लिखकर अवगत करा दिया गया है।
लोगों को सैनिटाइजर की कमी खल रही थी। सरकार की हिदायत के बावजूद मेडिकल स्टोर पर महंगे दाम पर सैनिटाइजर बेचे जा रहे थे। लोगों की परेशानी को देखते हुए और कोरोना को मात देने के मकसद से डिस्ट्रिलरी ने सैनिटाइजर का उत्पादन शुरू किया। इस सैनिटाइजर के स्टेट ड्रग्स कंट्रोलर से अनुमति मिल गई है।
डब्ल्यूएचओ के मानकों से तैयार किया सैनिटाइजर
बाजार में 180 के सैनिटाइजर 100 से 120 तक के बेचे जा रहे हैं। शुगर मिल के एमडी प्रदीप अहलावत ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानक के मुताबिक सैनिटाइजर तैयार किया है। 180 एमएल सैनिटाइजर को 41 रुपये 30 पैसे में बेचा जाएगा। थोक में एक लीटर सैनिटाइजर 200 रुपये में बेचा जाएगा। एक दिन में 25 कर्मचारी 180 एमएल के दस हजार सैनिटाइजर तैयार कर रहे हैं। डिमांड बढऩे पर उत्पाद बढ़ा दिया जाएगा।
इनकी आई है डिमांड
डिस्ट्रिलरी से सैनिटाइजर खरीदने की डीसी कार्यालय, नगर निगम, सिविल अस्पताल, रिफाइनरी, कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज करनाल, शुहर मिल गोहना, शुगर मिल शाहबाद और डीसी कार्यालय जींद के डिमांड आई है।
ऐसे खरीद सकेंगे
लाइसेंस शुदा मेडिकल स्टोर वाले, फैक्ट्री फर्म वाले ही ये खरीद सकेंगे। तब भी बाजार में आम लोगों तक इसके दाम कम ही रहेंगे।
रिफाइनरी ने फेस मास्क के लिए कच्चा माल बनाना शुरू, नहीं रहेगी कमी
कोरोना वायरस से जंग के बीच फेस मास्क की मांग बढ़ गई है। इस कारण इनके दाम भी बढ़ रहे हैं। कच्चा माल भी नहीं मिल रहा। इस समस्या को दूर करने के लिए पानीपत रिफाइनरी ने पहल की है। पानीपत रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स (पीआरपीसी) ने मास्क बनाने में प्रयुक्त होने वाले कच्चा माल (पीपी होमो 1350 वाईजी ग्रेड) के उत्पादन में वृद्धि की है। फेस मास्क बनाने वाली कंपनियों को आने वाले समय में कच्चे माल कि कमी नहीं होगी। इस महामारी से बचने के लिए फेस मास्क जन-जन तक पहुंच सकेगा। नेफ्था प्लांट से 2000 एमटी पीपी होमो 1350 वाईजी ग्रेड का उत्पादन कर विभिन्न कंपनियों को दिया गया।
विभिन्न कंपनियां इस उत्पाद के इस्तेमाल से 8 जीएसएम से लेकर 60 जीएसएम तक के पोली प्रोपिलीन रोल बनाएगी। इसके पश्चात इन रोलों की मदद से चिकित्सा क्षेत्र से जुड़ी अन्य कंपनियां फेस मास्क बनाएंगी, जो देश के विभिन्न क्षेत्रो में इस महामारी से बचाव के लिए प्रयोग में लाए जाएंगे। कार्यकारी निदेशक जीसी सिकदर ने कहा कि रिफाइनरी प्रशासन पीआरपीसी संचालन में काम कर रहे अधिकारियों, कर्मचारियों तथा ठेका मजदूरों की सुरक्षा के प्रति कटिबद्ध है। इस विकट स्थिति में भी हर संभव प्रयास कर रही है, ताकि सभी लोग सुरक्षित रहें।