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तुलसी विवाह हिदू धर्म की परंपरा : कांता महाराज

श्री प्रेम मंदिर में रविवार को तुलसी का विवाहोत्सव मनाया गया। विवाह में तुलसी को महिलाओं ने सजाया। विवाह के गीत गाए। शालीग्राम को मंदिर के परमाध्यक्षा कांता महाराज ने सेहरा बांधा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Nov 2019 08:04 AM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2019 08:04 AM (IST)
तुलसी विवाह हिदू धर्म की परंपरा : कांता महाराज
तुलसी विवाह हिदू धर्म की परंपरा : कांता महाराज

जागरण संवाददाता, पानीपत:

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श्री प्रेम मंदिर में रविवार को तुलसी का विवाहोत्सव मनाया गया। विवाह में तुलसी को महिलाओं ने सजाया। विवाह के गीत गाए। शालीग्राम को मंदिर के परमाध्यक्षा कांता महाराज ने सेहरा बांधा। ढोल नगाड़ों के साथ बाराती मंदिर में पहुंचे। बारातियों में लैय्या समिति के प्रधान परमवीर ढींगड़ा, सुनील मिगलानी, संजय, गौतम दुआ मुख्य रूप से शामिल रहे। महिला संकीर्तन मंडल ने वैवाहिक गीतों की प्रस्तुति दी। श्रद्धालुओं ने तुलसी का भव्य श्रृंगार कर परिक्रमा की। तुलसी दुल्हन की तरह से सजाया गया था। विवाह के बाद लंगर प्रसाद वितरित किया गया। कांता महाराज ने कहा कि यह हिदू धर्म की परंपरा है। तुलसी का वर्णन वेदों में भी आता है। तुलसी विवाह पर निकली शोभायात्रा

सेक्टर 17 में श्री वृंदा संकीर्तन मंडल ने तुलसी विवाह के उपलक्ष्य में शोभायात्रा निकाली। शोभायात्रा में डीजे तथा ढोल की थाप पर बाराती नाचे। जगह-जगह शोभायात्रा का स्वागत किया गया। शोभायात्रा सेक्टर 17 के मुख्य मार्गों से होते हुए वधू पक्ष के घर पहुंची। वहां मिलनी की रस्म अदा की गई। रिबन कटवाया गया। महिलाओं ने दूल्हा बने शालीग्राम का स्वागत किया। उसके बाद फेरे हुए। फेरों के बाद विशाल भंडारा लगाया गया। बारात वर पक्ष संजय चावला, नीलम चावला, सुरेश अनेजा, सुनैना अनेजा कि परिवार से चलकर वधु पक्ष कृष्ण लाल खट्टर, रमेश सोनी व सुमन सोनी के घर पहुंची।


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