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भूख-प्यास भूल करवाचौथ के दिन पति की जीत की दुआ भी करेंगी पत्नियां Panipat News

एक तरफ करवा चौथ का त्‍योहार है तो दूसरी ओर पति की चुनावी करियर। ऐसे में पत्नियों ने भूख प्‍यास भूलाकर चुनाव और त्‍योहार की तैयारी में जुटी हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 11:30 AM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 05:21 PM (IST)
भूख-प्यास भूल करवाचौथ के दिन पति की जीत की दुआ भी करेंगी पत्नियां Panipat News
भूख-प्यास भूल करवाचौथ के दिन पति की जीत की दुआ भी करेंगी पत्नियां Panipat News

पानीपत, [राज सिंह]। विधानसभा चुनाव में प्रचार कार्य जोरों पर है। आमतौर पर महिलाएं जहां करवा चौथ के लिए ड्रैसेज व श्रृंगार का सामान खरीद रही हैं। ब्यूटीपॉर्लर में मेकअप भी करा रही हैं। वहीं प्रत्यशियों की पत्नियां व्रत की तैयारी भूल नुक्कड़ सभाएं व सुबह-शाम डोर-टू-डोर प्रचार में जुटी हैं। करवा चौथ पर भी प्रचार का क्रम जारी रखने का मन बना चुकी हैं। प्रत्याशियों के पत्नियां करवा चौथ व्रत रख कर प्रचार के सहारे ही मनाएंगी।

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मेरा चांद मेरे पास है

तैंतीस वर्ष पहले प्रमोद विज के संग शादी हुई थी। मायका मॉडल टाउन में है। ससुराल का माहौल सामाजिक-राजनीतिक है। विज पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। अर्धांगिनी होने के नाते प्रचार के लिए सुबह साढ़े छह बजे निकलती हूं, रात 11 बजे घर पहुंचती हूं। कोई साल ऐसा नहीं रहा जब करवा चौथ के दिन प्रमोद विज घर से बाहर रहे हों। इस बार भी चांद निकलने से पहले विज कुछ समय के लिए घर पहुंच जाएंगे ताकि मैं व्रत खोल सकूं।

नीरू विज

चुनाव प्रचार कम नहीं होगा

फरवरी 2004 में महीपाल ढांडा से शादी हुई थी। मायका गांव खोतपुरा में है। एक बेटा अंश और बेटी दिव्या है। सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक पति का साथ देते हुए चुनाव प्रचार में जुटी रहती हूं। महीपाल ढांडा कहीं भी हों, करवा चौथ के दिन घर पहुंच जाते हैं। इस पर्व पर कभी विशेष खरीददारी और श्रृंगार नहीं किया। व्रत रखती हूं, सास ओमपति और ससुर ताराचंद का आशीर्वाद लेती हूं। इस बार भी यही क्रम रहने वाला है।

नीलम ढांडा

फिल्मी करवाचौथ नहीं है पसंद

नवंबर 2004 में देवेंद्र कादियान से विवाह हुआ था। मायका जिला हिसार में है। ससुराल का माहौल पूरी तरह राजनीतिक है। अब तो पति जजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। अर्धांगिनी होने के नाते मैं भी सुबह-शाम डोर-टू-डोर प्रचार में जुटी हूं। करवा चौथ के लिए कुछ सोचने का समय नहीं है, वैसे भी फिल्मी करवाचौथ पसंद नहीं है। देवेंद्र कादियान प्रचार में ज्यादा व्यस्त रहे तो फोटो देखकर व्रत खोल लूंगी।

कपिला कादियान।

व्यस्तता के बावजूद पर्व जरूरी

बाइस साल पहले संजय अग्रवाल से शादी हुई थी। मायका जींद में है। दो बेटे शिवम और लक्ष्य हैं। सामाजिक माहौल तो ससुराल में पहले से था, अब राजनीतिक भी हो गया है। सुबह-शाम डोर टू डोर प्रचार में सहयोग कर रही हूं। मेरी टोली की महिलाएं भी करवा चौथ का व्रत रखेंगी, इसलिए उस दिन शायद प्रचार न कर सकूं। शादी के चार साल बाद संजय मुंबई गए हुए थे। करवा चौथ के दिन लौट कर सरप्राइज देना आज भी याद है।

अंजू अग्रवाल।


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