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मंडियों में पीआर धान की खरीद नहीं, आढ़तियों ने मार्केट कमेटी के कार्यालय पर जड़ा ताला

जागरण संवाददाता पानीपत मंडियों में एक सप्ताह से पीआर धान की आवक चल रही है। धान की ख

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 08:53 AM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 08:53 AM (IST)
मंडियों में पीआर धान की खरीद नहीं, आढ़तियों ने मार्केट कमेटी के कार्यालय पर जड़ा ताला
मंडियों में पीआर धान की खरीद नहीं, आढ़तियों ने मार्केट कमेटी के कार्यालय पर जड़ा ताला

जागरण संवाददाता, पानीपत :

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मंडियों में एक सप्ताह से पीआर धान की आवक चल रही है। धान की खरीद शुरू नहीं हुई है। सेलर नियुक्त नहीं किए गए जो धान की खरीद करेंगे। खरीद न होने पर आढ़ती व किसान व मजदूरों ने रोष प्रदर्शन किया। प्रधान धर्मवीर मलिक ने नारेबाजी करते हुए मार्केट कमेटी के कार्यालय में तालाबंदी कर दी। पुलिस बल मौके पर तैनात रहा।

आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान धर्मवीर मलिक ने कहा कि सरकारी पीआर की खरीद नहीं कर रही है। मंडियों में धान की आवक बढ़ती जा रही है। अब तक आढ़तियों की दामी (आढ़त) भी निर्धारित नहीं है। आढ़ती खरीद कर सेलर के पास धान भेजेंगे। ट्रांसपोर्ट के माध्यम से धान जाएगा। सरकारी खरीद न होने व तीनों विधेयक के विरोध में धरना प्रदर्शन किया गया है। प्रदेश की मंडियों में रोष प्रदर्शन किया गया। आढ़तियों की मांगे पूरी न होने तक आढ़ती तौल नहीं करेंगे। हम गेहूं का तौल करके अब तक पछता रहे हैं।

आढ़ती हो रहे तबाह : जय भगवान

मंडी आढ़ती जयभगवान ने कहा कि सरकार आढ़तियों किसानों को तबाह करने पर तुली है। जो वादे बैठक कर किए जाते हैं बाद में उन्हें नहीं माना जाता है। बार-बार तुगलकी फरमान जारी किए जा रहे हैं। आढ़ती विकास गर्ग, वेद गोयल ने जल्द से जल्द मामले को सुलझाने की मांग की। आढ़तियों की ये मांगें

1. सरकार सीधे धान खरीदे

2. धान आढ़ती खरीद कर सेलर के पास भेजेंगे तो सेलर धान में कमी निकाल कर वापस भेज देंगे।

3. आढ़ती इसीलिए धान खरीदना नहीं चाहते।

4. मंडियों में सेलर नियुक्त होने चाहिए।

5. खरीद शुरू नहीं हुई तो आने वाले कुछ दिनों में मंडियां जाम हो जाएंगी

6. जब धान की खरीद ही नहीं हो रही तो फिर मार्केट कमेटी व बोर्ड का क्या काम। जागरण पड़ताल :

मंडियों में पीआर धान खरीद सरकार द्वारा नियुक्त सेलर खरीद करता है। भुगतान सरकार करती है। उसके बाद सेलर धान की कुटाई कर एक क्विटल में से 67 किलोग्राम चावल सरकार को देता है। पीआर धान की खरीद समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर होती है। पिछले दिनों सेलरों द्वारा किए गए घोटाला का मामला प्रकाश आया था। आढ़तियों ने बिल बनाकर दे दिया था। धान सेलरों में सप्लाई नहीं हुई। फर्जी बिलों के माध्यम से भुगतान आ गया था। सेलरों ने धान की पूर्ति करने के लिए अन्य प्रदेशों से किनकी व चावल का टुकड़ा खरीद कर चावल के स्थान पर दिया। बाद में इसकी वेरिफिरकेशन भी हुई।

इस घपलेबाजी को रोकने के लिए सरकार ने इस बार धान की खरीद के लिए मंडियों में सेलर नियुक्त नहीं किए। आढ़ती को धान खरीद करके निर्धारित ट्रांसपोर्ट के माध्यम से सेलर को भेजना होगा। इस पर आढ़ती सहमत नहीं है। सिक्योरिटी आदि अधिक करने से सेलर भी आगे नहीं आ रहे हैं। आढ़तियों को डर है कि यदि वे खरीद कर माल सेलर को भेजेंगे तो बाद में वह उसमें कमी निकाल कर वापस भेजेगा अथवा 100-200 रुपये क्विंटल की अतिरिक्त वसूली होगी। मंडी में समर्थन मूल्य पर खरीद करने के लिए खरीद एजेंसी हैफैड़, एफसीआइ व वेयर हाउस की ड्यूटी लगाई है। ये एजेंसी गेहूं की खरीद करती है। तोल आढ़ती को करवाना पड़ता है। आढ़तियों तोल से इंकार कर दिया है। आढ़तियों का कहना है कि मंडी में आकर शेलर देखरेख में धान खरीदें। बाद में कमी को वे सहन नहीं कर सकते।

550 क्विंटल धान की बाबरपुर में खरीद

बाबरपुर मंडी में एसडीएम की देखरेख में हैफेड ने 550 क्विंटल धान की खरीद की। मार्केट कमेटी के सचिव एनके मान ने कहा कि पानीपत में दो दिन से ही खरीद शुरू हुई है। अभी सेलर की नियुक्त नहीं हुए। वे अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। जल्द ही खरीद शुरू होगी।


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