Move to Jagran APP

हौसला देगी कोरोना से ये जीत, 96 फीसद फेफड़े संक्रमित थे, स्‍वस्‍थ होकर गजब कर दिया

हरियाणा के जींद के जितेंद्र को कोरोना संक्रमण हुआ। सीटी स्कोर 25 में से 24 आ गया था। डॉक्टरों ने मरीज व तीमारदारों को नहीं बताया रिकवरी पर करते रहे बात। जितेंद्र बोला सकारात्मक रहकर मौत पर काबू पा सका।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 19 May 2021 11:30 AM (IST)Updated: Wed, 19 May 2021 11:30 AM (IST)
हौसला देगी कोरोना से ये जीत, 96 फीसद फेफड़े संक्रमित थे, स्‍वस्‍थ होकर गजब कर दिया
कोरेाना संक्रमण होने पर अस्‍पताल में भर्ती जिंतेंद्र।

जींद, [कर्मपाल गिल]। कोरोना वायरस संक्रमण से जीत काफी आसान होती है। बस हौसला होना चाहिए। जींद के जितेंद्र ने इसी हौसले से मौत के दरवाजे से अपनी जिंदगी को वापस ले आए। सीटी स्‍कोर 25 में से 24 था। 96 फीसद फेफड़े भी संक्रमित हो गए थे। स्‍वस्‍थ हुए तो डाक्‍टर से हाथ जोड़कर बोले-आप भगवान हो। 

loksabha election banner

परिजनों ने जितेंद्र को 23 अप्रैल को बेहोशी की हालत में रोहतक निजी अस्पताल में भर्ती था। सीटी स्कैन किया तो रिपोर्ट 25 में से 24 आई। डॉक्टरों ने इस बारे में न मरीज को बताया और न तीमारदारों को। यह कहते रहे कि जल्द ठीक हो जाएंगे, रिकवर कर रहे हैं।

13 दिन बाद जितेंद्र को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उसके पांच दिन बाद जब वह दोबारा अस्पताल चेकअप कराने गया, तब डॉक्टर ने खुलासा करते हुए कहा कि भाई जितेंद्र, तुमने तो गजब कर दिया। तुम्हारा सीटी स्कोर तो 24 था। स्कोर से अनभिज्ञ जितेंद्र ने पूछा कि यह क्या होता है, तब डॉक्टर ने बताया कि आपके 96 फीसदी फेफड़े संक्रमित हो गए थे। यह सुनकर जितेंद्र पहले चौक गए, फिर डॉक्टर के आगे हाथ जोड़कर कहा कि आप ही भगवान हो। आप ही मुझे मौत के मुंह से निकालकर लाए हो।

Jind Corona Jitendra

डॉक्‍टर की सलाह से एडमिट हुआ

गांव ईक्कस निवासी जितेंद्र ढुल बताते हैं कि 13 अप्रैल को बुखार हुआ था और उसी दिन से दवाई शुरू कर दी। अगले ही कोराेना टेस्ट कराया और दो दिन बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आई। चार दिन तक बुखार रहा। फिर खांसी बढ़ गई। 20 अप्रैल को सांस लेने में दिक्कत हुई तो सीटी स्कैन कराया, जिसका सीटी स्कोर 25 में से 18 आया और आक्सीजन लेवल 76 था। डॉक्टर की सलाह पर उसी दिन सरकारी अस्पताल में दाखिल हो गया।

ऑक्सीजन लेवल 55 था

तीन दिन जींद रहा, लेकिन तबीयत में ज्यादा सुधार नहीं होने पर भाई रोहतक प्राइवेट अस्पताल में ले गया। उस दिन ऑक्सीजन लेवल 55 पहुंच गया था। जब मुझे वहां शिफ्ट किया, उसकी मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है। कोई एक बार हाथ लगाकर पूछता कि जितेंद्र सेहत कैसी है तो एक मिनट के लिए आंख खुलती और कहता कि ठीक हूं। फिर आंख बंद हो जाती।

डॉक्‍टर कहते, स्कोर पर मत जाओ, रिकवरी पर जाओ

पता नहीं वह गोलियों का नशा था या कुछ और। हर समय बेहोशी की हालत में रहता था। रोहतक भर्ती होने के तीन दिन बाद डॉक्टरों ने सीटी स्कैन किया, उस दिन स्कोर 25 से 24 था। लेकिन डॉक्टरों ने इस बारे में न तो मुझे बताया और न मेरे भाइयों को। डाक्टर मेरे भाइयों को यही कहते थे कि स्कोर पर मत जाओ, रिकवरी पर जाओ। उसमें सुधार हो रहा है। तेरह दिन बाद मैं वहां एडमिट रहा। डॉक्टर आकर चेक करते और कहते कि तुम्हारी सेहत ठीक है, रोज रिकवरी हो रही है। डॉक्टर की बातों से मेरा हौसला बढ़ता रहा।

सकारात्मक रहकर ही बीमारी पर काबू पा सकेंगे

जितेंद्र ढुल कहते हैं कि मैंने मन में कभी नकारात्मक विचार नहीं आने दिए। जब रोहतक से छुट्टी मिली, तब आक्सीजन लेवल 90 था। अब घर पर हूं और आक्सीजन लेवल 94 हो गया है। मुझे पहले से शुगर थी और 156 के आसपास रहती थी। जब जींद से शिफ्ट हुआ, तब शुगर डबल हो गई थी। एक दिन तो 400 तक भी पहुंच गई थी। अब सेहत ठीक है, लेकिन कमजोरी इतनी है कि 150 कदम भी नहीं चल सकता। सांस चढ़ने लग जाते हैं। डॉक्टरों ने कहा है कि पहले की तरह रिकवरी होने पर एक से दो महीने लगेंगे। मेरा मानना है कि सबको कोरोना का टीका जरूर लगवाना चाहिए। सकारात्मक रहकर ही इस बीमारी पर काबू पा सकते हैं।

पानीपत की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

यह भी पढ़ें: क्रिकेटर शिखर धवन दोस्‍त की कोरोना संक्रमित मां की मदद को आगे आए, सोनू सूद को किया ट्वीट

यह भी पढ़ें: चौंकाने वाला कारनामा, शादी के 24 घंटे बाद दुल्हन फरार, दूल्‍हा ससुराल पहुंचा तो हुई पिटाई

 यह भी पढ़ें: ममता शर्मसार, 3 दिन की नवजात को अस्पताल के बाथरूम में छोड़ गई महिला, सीसीटीवी में कैद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.