प्रदूषण के मानकों पर खरा नहीं पानीपत, एनजीटी की चौकाने वाली रिपोर्ट Panipat News
पानीपत में लगे हुए कॉमन ट्रीटमेंट प्लांट भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों पर खरे नहीं उतर रहे हैं। एनजीटी की कमेटी में ये बात सामने आई है।
पानीपत, जेएनएन। एनजीटी की ओर से केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, स्टेट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व केंद्रीय भूजल बोर्ड द्वारा गठित कमेटी ने जून तक की यमुना एक्शन रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट में पानीपत प्रदूषण के मानकों पर खरा नहीं उतरा है।
रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पानीपत में 23 उद्योगों में ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम (ओेएमडी) लागू करने के निर्देश दिए थे। जिनमें से 21 उद्योगों में ही यह सिस्टम लागू किया गया है। दो उद्योगों ने इसे लागू नहीं किया। जिनमें से एक उद्योग को बंद करवाया जा चुका है। कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि पानीपत में गंदा पानी साफ करने के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को सेक्टर 24, 25 पार्ट-1-2 सहित सेक्टर 29 एक में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगाए। इन सेक्टरों के पानी की निकासी पब्लिक हेल्थ के एसटीपी पर निर्भर है।
पानीपत में लगे हुए कॉमन ट्रीटमेंट प्लांट भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों पर खरे नहीं उतर रहे हैं। पानी की सैंपल फेल मिले हैं। रिपोर्ट में पीने के पानी के सैंपल का जिक्र भी किया गया। जिसमें पब्लिक हेल्थ ने अपनी रिपोर्ट दी। हशविप्रा के ट्यूबवेल की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। पानीपत में बाहरी कालोनियों में सीवर लाइन बिछाई जानी है। जिस पर काम शुरु नहीं किया गया। पूरे शहर के सीवर से न जोड़ने के कारण गंदा पानी बायपास होकर यमुना में जा रहा है। जो एसटीपी लगे हुए हैं उनको भी पूरा पानी नहीं मिल रहा। विभागीय तालमेल की कमी के कारण ऐसा हो रहा है। इस रिपोर्ट के बाद एनजीटी एक्सपर्ट सदस्य बीएस साजवन और शैलजा चंद्रा की दो सदस्यीय कमेटी ने प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि वह सुनिश्चित करें कि अगली तारीख तक प्रदूषण नियंत्रण पर काम हो।
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