वकीलों का चुनाव : यूं हो गई राजनीति, पर्चा वापस लेकर ठगे गए
चार दिनों की छुट्टी सोमवार से असली घमासान। पांच अप्रैल को मतदान और परिणाम। वकीलों के बीच राजनीति हो गई तेज। इसी की हर तरफ हो रही चर्चा। होली के दिन भी इसी की होती रही बात।
पानीपत, जेएनएन। बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा के निर्देश पर जिला बार एसोसिएशन, पानीपत के 5 अप्रैल को होने हैं। कोषाध्यक्ष पद पर नामांकन करने वाले रोहताश देहरान ने नामांकन वापस ले लिया। इसके चलते ललित कुमार मित्तल का चुना जाना तय है। अब अध्यक्ष पद के लिए एडवोकेट सुनील भारद्वाज, सतिंद्र सिंह और शेर सिंह खर्ब विभिन्न पदों पर 10 वकील चुनावी मैदान में हैं।
रिर्टिनग अधिकारी एडवोकेट प्रेम सिंह दुहन ने बताया कि उपाध्यक्ष पद पर आनंद दहिया और अनिल सिंगल, सचिव पद पर गुरविंद्र सिंह विर्क और नवीन सिंह कंधोल, संयुक्त सचिव पद पर नरेंद्र बजाज और रजनी देवी बने हुए हैं। कोषाध्यक्ष पद पर रोहताश देहरान के पर्चा वापस लेने के बाद ललित कुमार मित्तल अकेले प्रत्याशी रह गए हैं। माना जा रहा है कि चुनाव के नियमों का उल्लंघन नहीं किया तो उनका कैशियर बनना तय है। सभी को प्रचार के नियम बता दिए गए हैं। 5 अप्रैल को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान प्रक्रिया, इसके उपरांत मगतणना शुरू हो जाएगी। देर शाम तक रिजल्ट भी घोषित कर दिए जाएंगे।
रोहताश बोले हुई साजिश
रोहताश देहरान ने बताया कि वह संयुक्त सचिव का चुनाव लडऩा चाहते थे, जमानत राशि भी उसी पद के लिए जमा कराई थी। बाद में मैंने कोषाध्यक्ष पद के लिए नामांकन कर दिया। यह नामांकन मैंने वापस ले लिया लेकिन जिस पद पर मेरी जमानत राशि जमा है, उस पर बना हुआ हूं लेकिन फाइनल सूची में मेरा नाम नहीं है। उधर, रिर्टिनंग अधिकारी प्रेम सिंह दुहन ने कहा कि रोहताश क्या कह रहे हैं, इससे मुझे मतलब नहीं है। मेरे पास कोषाध्यक्ष पद के लिए नामांकन आया था, उन्होंने वापस ले लिया है।
उपाध्यक्ष पर नहीं बनी सहमति
बार के कुछ वकील उपाध्यक्ष पद भी आपसी सहमति बनाना चाहते थे। प्रत्याशी अनिल सिंगल की ओर से गिरधारी लाल, सुरीन सिंगला और दूसरे प्रत्याशी आनंद दहिया की ओर से अनिल लठवाल और बसंत ने आपस में चर्चा की। एडवोकेट अजित दहिया इस कमेटी के अध्यक्ष की भूमिका में थे। दोनों पक्षों के बीच सहमति नहीं बन सकी। नतीजा, कमेटी ने दोनों को चुनाव लडऩे की सहमति दे दी।
प्रचार के लिए 12 दिन मिले
बार एसोसिएशन का 91वां प्रधान चुने जाने के लिए 5 अप्रैल को मतदान होना है। वकील किसी के घर जाकर वोट नहीं मांग सकते। 21 से लेकर 24 तक चैंबर बंद रहेंगे, सीधा अर्थ सही ढंग से प्रचार के लिए 12 दिन मिले हैं। मतदान के अंतिम पल तक भी प्रत्याशी सलीके से कतार में खड़े रहकर मत के लिए अपील कर सकेंगे।