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नारायण साई को प्रोडक्शन वारंट पर लाएगी पुलिस

पानीपत : यौन शोषण के मामले में गवाह महेंद्र चावला पर हमले के मामले में पूछताछ के लिए नारायण साई को पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर लाएगी। सदर पुलिस एक-दो दिन में कोर्ट में अर्जी लगा देगी। इस मामले में आसाराम परिवार पर आंच आनी शुरू हो गई है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 19 May 2015 10:59 AM (IST)Updated: Tue, 19 May 2015 11:15 AM (IST)
नारायण साई को प्रोडक्शन वारंट पर लाएगी पुलिस

जागरण संवाददाता, पानीपत : यौन शोषण के मामले में गवाह महेंद्र चावला पर हमले के मामले में पूछताछ के लिए नारायण साई को पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर लाएगी। सदर पुलिस एक-दो दिन में कोर्ट में अर्जी लगा देगी।
इस मामले में आसाराम परिवार पर आंच आनी शुरू हो गई है। नारायण साई सूरत की लाजपोर सेंट्रल जेल में है

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नारायण साई से पूछताछ के बाद आसाराम को भी जोधपुर जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाया जा सकता है।
उधर, पुलिस ने आसाराम के डाडोला स्थित आश्रम पर दबिश दी, लेकिन यहां पर गुजरात के हेमंत नगर के संजय नामक युवक नहीं मिला। महेंद्र चावला ने पुलिस बयान में गोली चलवाने के मामले में संजय पर भी शक जाहिर किया है।

संजय आसाराम का करीबी बताया गया है। इसके अलावा पुलिस कती टीम मांडी गांव में भी एक युवक की तलाश में पहुंची। वहां से पता चला कि युवक गांव में नहीं बल्कि पानीपत शहर में रहता है। मांडी गांव के एक युवक का नाम भी चावला ने गोलीकांड में लिया है।

महेंद्र चावला पुलिस की ढीली कार्रवाई से आहत है। अभी तक पुलिस गोली चलाने वालों को तो जो आरोपी बताए हैं उन तक नहीं पहुंच पाई है। चावला द्वारा बताए गए एक हमलावर का स्केच भी नहीं बनवाया गया है। पांच दिन बाद पुलिस के हाथ खाली हैं। चावला ने आरोप लगाया कि पुलिस मामले की लीपापोती में जुटी है। आरोपियों के प्रति पुलिस का नरम रवैया कई सवाल उठाता है।

उसका कहना है कि स्थिति यही रही तो जल्द ही इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की जाएगी। पुलिस की चार टीमें उत्तर प्रदेश, सोनीपत व दिल्ली में दबिश देकर संदिग्धों से पूछताछ रही है, लेकिन मामले से पांच दिन बाद भी परदा उठाने में सफल नहीं हो पाई हैं।

अहमदाबाद पुलिस की साइबर सेल के कई अधिकारी गत शुक्रवार को सनौली खुर्द में वारदात स्थल पर तो गए, लेकिन वे चावला से पूछताछ नहीं कर पाए। इसको लेकर भी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
स्थानीय पुलिस कयास लगा रही थी कि महेंद्र चावला आरटीआइ कार्यकर्ता है। हो सकता है कि उसने किसी की आरटीआइ लगाई थी या लगा रखी है और इसी के चलते उस पर हमला हुआ है।

इस बारे में चावला ने स्पष्ट कर दिया है कि उसने आसाराम मामले को छोड़ किसी भी व्यक्ति की आरटीआइ नहीं लगाई है। न ही उसकी किसी से दुश्मनी है। उस पर हमला आसाराम व नारायण साई ने करवाया है। इससे पुलिस की आरटीआइ की थ्योरी फेल हो चुकी है। अब पुलिस का ध्यान आसाराम व उसके परिवार के सदस्यों की तरफ हो गया है।


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