पुलिस ने छात्र को 13 घंटे तक दी थर्ड डिग्री
पानीपत के सीआइए-2 पुलिस पर इंडस्ट्रियल ट्रे¨नग इंस्टीटयूट (आइटीआइ) के छात्र से 13 घंटे तक थर्ड डिग्री दी।
जागरण संवाददाता, पानीपत : सीआइए-2 पुलिस पर इंडस्ट्रियल ट्रे¨नग इंस्टीटयूट (आइटीआइ)
के छात्र ने 13 घंटे तक थर्ड डिग्री का आरोप लगाया है। आरोप है कि चार पुलिसकर्मियों ने शराब के नशे में डंडों से पीटा और पैरों पर लोहे का पाइप फेर दिया। तमंचा सामने रख वीडियो क्लिप भी बनाई। रुपये की मांग की गई। छात्र सिविल अस्पताल में उपचाराधीन है।
राजनगर निवासी आकाश शर्मा (19) ने बताया कि वह आइटीआइ में मशीनिस्ट ट्रेड का छात्र है। अंतिम और चौथे सेमेस्टर की परीक्षा होनी है। वह 2 मई की सुबह आइटीआइ गया था। उसी दिन 9:10 बजे पुलिस के मुखबिर राजनगर के ऋषि रोड़ ने फोन किया कि बैंक में चलना है। वह क्लास से बाहर आया तो सादे कपड़े में दो पुलिसकर्मी खड़े थे। उन्होंने उसे जबरन बाइक पर बिठाया और सीआइए-2 थाने में ले गए। उसका मोबाइल फोन बंद कर दिया। पुलिसकर्मी निशान, रवींद्र और चार अन्य ने उसे यह कहते हुए पीटा कि तमंचा कहा हैं। उसने हाथ-पैर भी जोड़े कि वह छात्र है। उसके पास कोई हथियार नहीं है। वे नहीं माने और उन्होंने शराब पीकर उसकी डंडों से पिटाई की। वह बेहोश हो गया। नौ बजे पुलिसकर्मियों ने उसका मोबाइल ऑन कर दिया। 9:10 बजे उसके चाचा सेक्टर-6 निवासी महेंद्र शर्मा ने कॉल की तो पुलिसकर्मी ने बताया कि आकाश उनके पास है। पुलिसकर्मी ने उसे कहा कि चाचा से कह देना रुपये लेकर आए। उसके चाचा सीएआइए पहुंचे, लेकिन उसे नहीं छोड़ा गया। उसे 3 अप्रैल को दोपहर 12 बजे पुलिसकर्मियों ने यह कहकर छोड़ा कि परिजनों को मारपीट के बारे में मत बताना। बताएगा तो फिर से थाने लाकर पीटेंगे।
छात्र के परिजनों ने पुलिसकर्मियों की शिकायत एसपी, आइजी, डीजीपी व मानव अधिकार आयोग को भेजी है। इस बारे में सीआइए-2 प्रभारी योगेश कुमार ने बताया कि सूचना मिली थी कि आकाश के पास अवैध हथियार है। इसी मामले में आकाश से पूछताछ की गई। उसके साथ मारपीट नहीं हुई है। बता दें कि पहले इसी तरह से उग्राखेड़ी के एक युवक ने सीआइए-3 पुलिस पर थर्ड डिग्री देने का आरोप लगाया था।
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गर्म पानी व मूव से मिटाए चोट के निशान
आकाश ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने उसके पैरों से चोट के निशान गर्म पानी व मूव रगड़ कर मिटा दिए। वे उसकी कमर पर बने चोट के निशान नहीं मिटा पाए। उसे पेनकिलर दवा भी खिलाई गई। 4 अप्रैल की सुबह आकाश के शरीर में जकड़न हो गई। उसे पैरों से चला नहीं जा रहा था। इसके बाद परिजनों ने आकाश को सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया।
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बेटे का क्या कसूर था
आकाश के पिता राजकुमार ने बताया कि वह फैक्ट्री में काम करता है। बेटा आकाश पढ़ने में होशियार है। आकाश ने कोई कसूर नहीं कर रखा था फिर भी पुलिस ने जानवरों की तरह से पीटा है। आकाश से ठीक से चला भी नहीं जा रहा है। इससे वह पुलिस की भर्ती की तैयारी कैसे कर पाएगा?