अंकुश हत्याकांड के 60 घंटे बाद भी आरोपित पकड़ से बाहर
पानीपत अंकुश हत्याकांड मामले में युवक की मौत के 60 घंटे बीतने के बाद भी प्रशासनिक अधिकारी चुप्पी साधे हुए है। वारदात में नामजद सरपंच सहित 11 आरोपितों में से पुलिस ने अभी तक किसी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं दिखाई है। जबकि पोस्टमार्टम के दौरान ही पुलिसकर्मी चार-पांच आरोपितों की धरपकड़ करने के दावे कर रही थी। ऐसे में सवाल ये उठता है कि अधिकारी इस पारदर्शी मामले को भी नजरअंदाज क्यों कर रहे है।
जासं, पानीपत : अंकुश हत्याकांड मामले में युवक की मौत के 60 घंटे बीतने के बाद भी प्रशासनिक अधिकारी चुप्पी साधे हुए है। वारदात में नामजद सरपंच सहित 11 आरोपितों में से पुलिस ने अभी तक किसी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं दिखाई है।
वीरवार रात साढ़े आठ बजे लोहारी गांव का अंकुश (21) उर्फ जोजी आंधी में टूटे सफेदे के पेड़ को ट्रैक्टर से बांध कर पशुबाड़े में ले जा रहा था। जैसे ही वाल्मीकि मुहल्ले में पहुंचने पर वाल्मीकि समुदाय के कुछ लोगों ने उसके ऊपर हमला कर दिया। आरोप है कि सरपंच संदीप के स्वजनों ने पेड़ को लेकर बहस की। अंकुश के पिता राजेंद्र, भाई अनुज व नीरज के मौके पर पहुंचते ही आरोपित हाथापाई करने लगे। विवाद बढ़ने पर वाल्मीकि पक्ष ने ईंट, डंडों और धारदार हथियारों से हमला कर अंकुश को गंभीर रूप से घायल कर दिया। वारदात के लगभग डेढ़ घंटे बाद अंकुश की मौत हो गई थी।