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पीएम मोदी का सपना यहां हो रहा साकार, बेटियों को मिला शिक्षा का ये उपहार Panipat News

कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में वन गर्ल चाइल्ड के लिए सीट रिजर्व की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत कुवि प्रशासन ने ये कदम उठाया है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 18 Jul 2019 12:30 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jul 2019 04:59 PM (IST)
पीएम मोदी का सपना यहां हो रहा साकार, बेटियों को मिला शिक्षा का ये उपहार Panipat News
पीएम मोदी का सपना यहां हो रहा साकार, बेटियों को मिला शिक्षा का ये उपहार Panipat News

पानीपत/कुरुक्षेत्र, [पंकज आत्रेय]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की कामयाबी की ओर ठोस कदम बढ़ाते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में हर विषय में दाखिला के लिए इकलौती बेटियों की सीट आरक्षित रखी गई है। सुपर न्यूमरेरी सीट के नाम से सिंगल गर्ल चाइल्ड की अलग से बाकायदा मेरिट जारी की गई है। इस कोटे में उन्हीं छात्राओं को दाखिला दिया जाता है, जो अपने माता-पिता की इकलौती हैं या फिर उनकी सिर्फ दो बहने हैं। दो बेटी होने की स्थिति में इस कोटे का लाभ सिर्फ एक ही बेटी के दाखिल के लिए दिया जाता है। इन दिनों चूंकि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में दाखिले चल रहे हैं तो हर विभाग में अलग से सिंगल गर्ल चाइल्ड मेरिट लिस्ट भी लगाई जा रही है। 

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कुलपति प्रो. कैलाश चंद्र शर्मा का कहना है कि बेटियों को प्रोत्साहन देने के लिए प्रदेश सरकार अनेक कदम उठा रही है। विश्वविद्यालय पिछले दो शैक्षणिक सत्र से इसी के तहत ङ्क्षसगल गर्ल चाइल्ड पॉलिसी लेकर आया है। इसका फायदा बच्चियों को मिल भी रहा है। बता दें कि किसी भी विषय में निर्धारित सीटों से अलग एक सीट अतिरिक्त इस कैटेगिरी के लिए रखी गई है। कुवि में 48 शैक्षणिक विभाग हैं और सभी में यह सीट है।

टेक्निकल और लॉ कोर्सेज में नहीं कोटा
कुवि के डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ.पवन शर्मा ने बताया कि यूजीसी के अप्रूव्ड सभी कोर्सों में सिंगल गर्ल चाइल्ड सीट दी जा रही है। इसके अलावा एआइसीटीई और बार काउंसिल से संबद्ध विषयों में अभी यह लाभ नहीं दिया जा रहा है। कुवि में इस कोटे में दाखिले के लिए पहली शर्त यही रखी गई है कि बेटी हरियाणा की स्थायी निवासी होनी चाहिए। बता दें कि कुवि में  लड़कों के मुकाबले लड़कियों की तादाद ज्यादा रहती है। यह अनुपात 60:40 का रहता है। दाखिलों के लिए अगर कोई छात्रा जनरल मेरिट में भी नहीं आती है तो उसे फिर भी इस कोटे के तहत अलग से मेरिट का लाभ दिया जाएगा। 

ऑनलाइन आवेदन में प्रावधान नहीं
प्रदेश सरकार से इस कोटे को सभी सरकारी कॉलेजों में भी लागू करना चाहती है, लेकिन ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में इसका प्रावधान नहीं रखा गया है। जबकि छात्राओं की बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय कैंपस से बाहर कॉलेजों में ज्यादा है। कैंपस में शुरुआत में यह कोटा स्नातकोत्तर कोर्सेज के लिए निर्धारित किया था और अगले सत्र में इसे स्नातक स्तर पर लागू कर दिया गया। डॉ.पवन शर्मा के मुताबिक कॉलेज में भी यह सीट देने की एडवाइजरी तो है। 

शपथपत्र देना होगा
सिंगल गर्ल चाइल्ड की सीट पर दावे के लिए छात्रा के अभिभावक को एक शपथ पत्र देना होगा, जो प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट से सत्यापित कराना होता है। इसमें घोषित करना होगा कि उनके परिवार में एकमात्र लड़की है और अन्य कोई भाई-बहन नहीं है। सीट पर एक से अधिक आवेदन आने पर दाखिला मेरिट के आधार पर होगा।

इस बार ईडब्ल्यूएस शामिल
कुवि डीन अकादमिक अफेयर प्रो.मंजूला चौधरी ने बताया कि सिंगल गर्ल चाइल्ड के साथ शैक्षणिक सत्र 2019-20 में दाखिलों के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईएसडब्ल्यू) कैटेगिरी को भी शामिल किया गया है। इसके अंतर्गत अलग से ही मेरिट बनाई गई है। 


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