राष्ट्र निर्माण के लिए व्यक्ति निर्माण जरूरी : रामेश्वर दास
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर क्षेत्र प्रचारक प्रमुख रामेश्वर दास ने स्पष्ट किया कि संघ का उद्देश्य व्यक्ति निर्माण करना है क्योंकि राष्ट्र निर्माण के लिए व्यक्ति निर्माण आवश्यक है। प्रथम सर संघचालक डा. केशव राव बलिराम हेडगेवार का मानना था कि अगर व्यक्ति ठीक होगा तो देश भी ठीक होगा।
जागरण संवाददाता, समालखा : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर क्षेत्र प्रचारक प्रमुख रामेश्वर दास ने स्पष्ट किया कि संघ का उद्देश्य व्यक्ति निर्माण करना है, क्योंकि राष्ट्र निर्माण के लिए व्यक्ति निर्माण आवश्यक है। प्रथम सर संघचालक डा. केशव राव बलिराम हेडगेवार का मानना था कि अगर व्यक्ति ठीक होगा, तो देश भी ठीक होगा। दास ने बताया कि संघ शिक्षा वर्ग का उद्देश्य व्यक्ति निर्माण करना है। वह शनिवार को पट्टीकल्याणा स्थित सेवा धाम में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर क्षेत्र संघ शिक्षा वर्ग, द्वितीय वर्ष सामान्य के समापन कार्यक्रम को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे।
रामेश्वर दास ने कहा कि संघ शिक्षा वर्गों से निर्मित स्वयंसेवक समाज के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर समाज निर्माण और राष्ट्र जीवन को सुखी बनाने का काम करते हैं। जैसे श्रमिकों के क्षेत्र में भारतीय मजदूर संघ, कृषि क्षेत्र में भारतीय किसान संघ, विद्यार्थियों के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, शिक्षा के क्षेत्र में विद्या भारती, धार्मिक क्षेत्र में विश्व हिदू परिषद, सामाजिक समरसता में भारत विकास परिषद, वनवासी कल्याण आश्रम आदि इस प्रकार से 30 ऐसे अखिल भारतीय संगठन समाज के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब भी समाज पर कोई आपदा या संकट आया तो संघ के स्वयंसेवक मदद के लिए अग्रिम पंक्ति में खड़े हुए हैं। सन 1947 में विभाजन के समय लाखों हिदू परिवारों को सुरक्षित बचा कर भारत लेकर आए।
आंध्र प्रदेश में तूफान आया तो वहां भी स्वयंसेवकों ने सेवा कार्य किए। गुजरात के भूकंप के दौरान भी सेवा कार्यों के लिए सबसे पहले स्वयंसेवक ही आगे आए थे। उन्होंने कहा कि 1975 में सरकार ने देश में आपातकाल लगा तानाशाही का प्रयास किया, स्वयंसेवकों ने जन जागरण व सत्याग्रह दोनों काम किए। देश में फिर से प्रजातंत्र बहाल करवाने का कार्य किया। पंजाब में आतंकवाद के दौरान स्वयंसेवकों ने देश की एकता व अखंडता के लिए अनेक बलिदान दिए और आपसी भाईचारा बना कर रखा। कश्मीर में आतंकवाद हुआ, वहां भी कश्मीरी हिदुओं की सहायता की। संघ के लिए देश सर्वोपरि
मुख्य अतिथि उद्योगपति सुरेंद्र कुमार आर्य ने कहा कि 1925 में जब देश अंग्रेजों का दास था, चारों तरफ निराशा थी। उन दिनों संघ की शुरुआत हुई। इनके लिए देश हित की भावना ही सर्वोपरि है। यह युगों युगों तक चलेगा। 308 स्वयंसेवकों ने प्राप्त किया प्रशिक्षण
वर्ग कार्यवाह डा. चंद्रप्रकाश ने बताया कि इस 20 दिवसीय वर्ग में पांच राज्यों से 308 स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इनको प्रशिक्षण देने के लिए 38 शिक्षक व अन्य प्रबंधन के लिए 25 प्रबंधकों ने वर्ग में अपना सहयोग किया।