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पर्यावरण और जल प्रदूषण का स्थायी समाधान जरूरी, यह सब एडवांस टेक्नोलॉजी से हो पाएगा संभव

औद्योगिक शहर में पर्यावरण और जल प्रदूषण सबसे बड़ी चुनौती है।

By Edited By: Published: Mon, 02 Dec 2019 08:09 AM (IST)Updated: Mon, 02 Dec 2019 08:09 AM (IST)
पर्यावरण और जल प्रदूषण का स्थायी समाधान जरूरी, यह सब एडवांस टेक्नोलॉजी से हो पाएगा संभव
पर्यावरण और जल प्रदूषण का स्थायी समाधान जरूरी, यह सब एडवांस टेक्नोलॉजी से हो पाएगा संभव

संक्षिप्त परिचय नाम : संदीप ¨सह पद : क्षेत्रीय अधिकारी, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जन्म : 30 मार्च 1982 जन्म स्थान : सिरसा शिक्षा : बैचलर ऑफ इंजीनियर उपलब्धि : 2004 असिस्टेंट एनवायरमेंट इंजीनियर पदोन्नति : 2017 में आरओ पदोन्नत हुए पानीपत: औद्योगिक शहर में पर्यावरण और जल प्रदूषण सबसे बड़ी चुनौती है। दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में होने पर यह ओर भी बढ़ गई है। पिछले दिनों स्मॉग बढ़ने से एयर क्वालिटी इंडेक्स 475 तक पहुंच गया था। 16 दिन तक उद्योग बंद करने पड़े थे। फिर भी हवा साफ नहीं हुई तो दो दिन तक स्कूलों की छुट्टी करनी पड़ी। इस चुनौती का समाधान जरूरी है। यह एडवांस टेक्नोलॉजी से ही संभव है। साप्ताहिक साक्षात्कार में दैनिक जागरण के सीनियर रिपोर्टर जगमहेंद्र सरोहा ने एचएसपीसीबी (हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) के आरओ (क्षेत्रीय अधिकारी) संदीप ¨सह से बातचीत की। संदीप ¨सह हरियाणा स्टेट एनजीटी सेल के इंचार्ज भी हैं। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश। सवाल: पानीपत में पर्यावरण और जल प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या है। इसका क्या कारण और समाधान है? जवाब: पानीपत औद्योगिक शहर है। यहां डाइंग यूनिट और दूसरे उद्योगों की संख्या अधिक है। इन सबके चलते पर्यावरण और जल प्रदूषण जैसी समस्या कुछ अधिक है। सवाल: पीसीबी के पास कितने उद्योग पंजीकृत हैं और क्या नियम तोड़ने पर कार्रवाई नहीं की जाती? जवाब : पीसीबी के पास करीब 550 उद्योग पंजीकृत हैं। अवैध उद्योगों या नियम तोड़ने पर कार्रवाई की जाती है। सवाल : प्रदूषण को कम करने के लिए क्या कुछ किया गया है? जवाब: एक्शन प्लान और हॉट स्पॉट प्वाइंट बनाए हैं। यहां विशेष निगरानी रखी जा रही है। सवाल : प्रदूषण को रोकने के लिए पीसीबी (प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) कितना सक्षम है? क्या दूसरे विभाग भी सक्षम हैं? जवाब : पर्यावरण या जल प्रदूषण का कोई एक कारण नहीं है। सभी विभागों की अपनी जिम्मेदारी है। कचरे पर नगर निगम और ट्रैफिक जाम पर पुलिस की जिम्मेदारी होती है। सवाल : पर्यावरण और जल प्रदूषण से स्वास्थ्य पर कितना असर पड़ता है? जवाब : हवा में पार्टिकुलेट मैटर बढ़ने से प्रदूषण बढ़ जाता है। यह फेफड़ों को प्रभावित करता है। ऐसे में घरों के अंदर ही रहना चाहिए। सवाल : जल प्रदूषण को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? जवाब : पीसीबी संबंधित विभाग को सिफारिश करने के साथ निर्देश देता है। एचएसवीपी सीईटीपी और जनस्वास्थ्य विभाग एसटीपी के पानी को इंडस्ट्री को देने की योजना में है। सवाल : जल और पर्यावरण प्रदूषण को कैसे रोका जा सकता है? यह कितना जरूरी है? जवाब: जल और पर्यावरण प्रदूषण को एडवांस टेक्नोलॉजी की मशीनों को अपनाकर रोका जा सकता है। इसके साथ लोगों को भी जागरूक होना होगा। ऐसा नहीं हुआ तो इंडस्ट्री प्रॉब्लम में आ जाएगी।

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