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Kurukshetra Geeta Festival: पाक अधिकृत कश्मीर के लोग भी बनना चाहते हैं भारत का हिस्सा, जानिए आखिर ऐसा क्‍या हुआ Panipat News

Kurukshetra Geeta Festival अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में पहुंचे कश्मीरियों ने धारा-370 व अनुच्छेद 35-ए के खत्म होने पर खुशी जताई है। कश्मीर के शिल्पकार बोले बदल रहा है कश्मीर।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Mon, 25 Nov 2019 11:40 AM (IST)Updated: Mon, 25 Nov 2019 11:48 AM (IST)
Kurukshetra Geeta Festival: पाक अधिकृत कश्मीर के लोग भी बनना चाहते हैं भारत का हिस्सा, जानिए आखिर ऐसा क्‍या हुआ Panipat News
Kurukshetra Geeta Festival: पाक अधिकृत कश्मीर के लोग भी बनना चाहते हैं भारत का हिस्सा, जानिए आखिर ऐसा क्‍या हुआ Panipat News

पानीपत/कुरुक्षेत्र, जेएनएन। Kurukshetra Geeta Festival:जम्मू-कश्मीर में धारा-370 हटने के बाद सियासतदान विरोध कर रहे हों, लेकिन कश्मीरी इस फैसले से खुश हैं। कश्मीर के बदलते हालात को देखते हुए पाक अधिकृत कश्मीर के लोग भी भारत से जुडऩे को बेकरार हैं। कश्मीरियों का हृदय परिवर्तन बड़ी तेजी से हो रहा है, यही कारण है कि कश्मीर के हालात बदल चुके हैं और वहां पहले जैसा कुछ नहीं हो रहा।

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यह बात अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में पहुंचे कश्मीरी शिल्पकार उमर व तारीख ने कही। कश्मीर के शिल्पकारों ने धारा-370 व अनुच्छेद 35-ए पर केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया। उनका कहना था कि धारा-370 खत्म होने से न केवल कश्मीर के हालात बदले हैं, बल्कि पाक अधिकृत कश्मीर के लोग भी भारत का हिस्सा बनने को तैयार हैं। 

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बारामुला से आए शिल्‍पकार

जिला बारामुला के रहने वाले उमर व तारीख का कहना है कि वे काहवा बेचते हैं और ज्यादातर समय कश्मीर से बाहर ही रहते हैं, मगर पहले जब वे कश्मीर में जाते थे तो आतंकी घटनाओं व कफ्र्यू आम बात थी। जब भी सरकार कड़े कदम उठाती थी तो पत्थरबाज सामने आ जाते थे। धारा-370 के खत्म से न तो पत्थरबाज दिखाई दिए और न ही सरकार विरोधी नारे लगाने वाले सामने आ रहे हैं। राजनेता अपने स्वार्थ के लिए धारा-370 के हटाए जाने का विरोध कर रहे हैं। कश्मीर की जनता धारा-370 खत्म करने के फैसले के हक में है। 

पाक अधिकृत कश्मीर के लोग भी कर रहे फैसले की सराहना

कश्मीरी शिल्पकारों का कहना है कि जब वे पाक अधिकृत कश्मीर में अपने परिचितों से बातचीत करते हैं तो वे भी भारत सरकार के फैसले की सराहना करते नहीं थकते। वे भी भारत का हिस्सा बनना चाहते हैं। कश्मीर में जिस तेजी से हालात बदले हैं और विकास की नई इबादत लिखी जा रही है वे उसके पक्ष में हैं। 

इंटरनेट सेवाएं बाधित होने से अपनों से टूटा संपर्क

कश्मीर से पहुंचे शिल्पकार शबीर अहमद का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सेवाएं बाधित होने से उनका अपनों से संपर्क टूटा हुआ है। पिछले चार महीनों में अपनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। अब कश्मीर में हालात सामान्य हैं। अब पर्यटन भी बढ़ेगा और व्यापार भी।  


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