एजेंटों के पिंजरे में करोड़ों के कबूतर, विदेश में डॉलर की चाहत में मिलती जेल Panipat News
विदेश जाने की चाह में लोग कबूतरबाजों के चक्कर में फंस रहे हैं। विदेश जाकर न उन्हें नौकरी मिलती है न खुली हवा। रुपये गंवाने के साथ-साथ गलत दस्तावेजों के चक्कर में जेल पहुंच रहे।
पानीपत/करनाल, [सेवा सिंह]। डॉलर की चाह में युवा अपने साथ-साथ परिवारों की जिंदगी दूभर कर रहे हैं। इस वजह से मानसिक परेशानी के साथ विदेशों की जेलों में शारीरिक कष्ट भी ङोलने को मजबूर हैं। यूं भी कहा जा सकता है कि ऐसे युवा बाहर भेजने वाले एजेंटों के पिंजरे में हैं। अवैध रूप से इमिग्रेशन सेंटर चला रहे एजेंट ऐसे युवाओं को सब्जबाग दिखाकर विदेशों में भेज देते हैं। ये लोग दस्तावेज पूरे नहीं होने के कारण वहां फंस जाते हैं। जबकि उनके परिवार एजेंटों और पुलिस के चक्कर काटने को मजबूर होते हैं। इसी माह सात मामले ऐसे ही सामने आए हैं। जबकि इससे पहले ऐसे 51 मामलों का खुलासा हो चुका है, जिनमें छह करोड़ से अधिक की ठगी मानी जा रही है। इन मामलों में आज भी 37 की जांच लंबित है। इन मामलों के लिए कहीं न कहीं प्रशासन भी जिम्मेदार है। जो समय रहते कार्रवाई नहीं करता।
अमेरिका के लिए यहां घुमाते हैं
इथोपिया, लीमा, इक्वाडोर, कोलंबिया, पनामा, निकारागुआ, होंडुरास, ग्वाटेमाला और मैक्सिको ले जाते हैं। एक युवक को तो 22 दिन मैक्सिको और महीने तक जेल काटनी पड़ी।
एसपी ने दी सलाह- विदेश जाने के लिए जायज तरीका आजमाएं
एसपी सुरेंद्र सिंह भौरिया का कहना है कि विदेश जाने के इच्छुक युवक-युवतियों को फर्जी एजेंटों के जाल में फंसने से बचना चाहिए। उन्हें विदेश भेजने वाले एजेंट के बारे में पहले पूरी जानकारी लेनी चाहिए और सही एजेंट के मार्फत वैध तरीके से ही जाना चाहिए। इससे उन्हें किसी प्रकार की परेशानी नहीं आएगी। उनका कहना है कि विदेश भेजने की आड़ में गौरख धंधा फैला रहे फर्जी एजेंटों पर कार्रवाई के लिए बनाई जा रही योजना जल्द अमल में लाई जाएगी।
42 लाख खर्च, पहुंचा दिया दुबई
गांव कतलाहेड़ी निवासी महाबीर सिंह, अमित कुमार और विजय को वेदपाल, नीरू, कृष्णा, जांबा निवासी जितेंद्र, कुरुक्षेत्र निवासी कश्मीरा के अलावा प्रवीन कुमार ने 42 लाख लेकर आस्ट्रेलिया की जगह दुबई भेज दिया।
छह लाख में मिली दो जगह जेल
गांव मंजूरा के कृष्ण ने बताया कि उसे यूक्रेन भेजने का झांसा दिया और उसे वहां जाने पर बंधक बना लिया। छह लाख रुपये की मांग को लेकर कई दिनों तक उसे बंधक बनाया।
ये मुसीबतें झेलते हैं युवा
अमेरिका में जाने के लिए जंगलों के रास्ते ले जाते हैं। करनाल का एक युवक किसी तरह जान बचाकर वापस लौटा तो उसने बताया कि कई कई दिन खाना तक नहीं दिया जाता। रास्ते में एक-दो जगहों पर उन्होंने लावारिस शव देखे। वो लोग भी शायद अवैध रूप से अमेरिका घुसना चाह रहे थे पर भूख के कारण दम तोड़ गए। जंगल में हिंसक जीव-जंतुओं का खतरा रहता है। एजेंट साथ नहीं होते। युवाओं को रास्ता बताकर गायब हो जाते हैं।
महीनों तक की जेल
अवैध रूप से घुसने पर महीनों तक की जेल हो चुकी है। एक युवक 30 माह सजा काटकर लौटा। उसने बताया कि जेल में अमानवीय यातनाएं दी जाती हैं।
जमीन, मकान सब बिक गया
कुछ दिन पूर्व एक परिवार ने बेटे को कनाडा भेजने के लिए तीस लाख जुटाने के लिए घर के साथ वाहन भी बेच दिया।
36 लाख देकर मिली जेल
गांव पाढ़ा निवासी अजमेर सिंह के अनुसार उसके बेटे अमित की मुलाकात विजेंद्र से हुई। विजेंद्र ने उसे अमेरिका भेजने के 36 लाख रुपये मांगे। पांच लाख 80 हजार की राशि लेने उपरांत 17 मई को अंबाला वासी अजायब सिंह के मार्फत अमित को अमेरिका भेज दिया। अलग-अलग समय पर कुछ 36 लाख रुपये दिए। बाद में पता चला कि अमित जेल में है।
नौ लाख देकर भी वीजा रद
आदर्श नगर दिल्ली निवासी अंकित शर्मा के मुताबिक वर्ष 2016 और 2018 के बीच आइलेट्स किया। संस्थान संचालक राम सिंह, उसके रिश्तेदार, संस्थान कर्मी रजनी ने उसे स्टडी वीजा पर 15 लाख में कनाडा भेजने को कहा। नौ लाख 30 हजार रुपये ले भी लिए, आरोपितों ने जाली कागजात लगा दिए, उसका वीजा ही रद हो गया।
मलेशिया भेज कपड़े तक छीन लिए
डेरा गुजराखिया वासी अजविंद्र के अनुसार करनाल निवासी संजीव ने उसे डेढ़ लाख रुपये में मलेशिया में फ्रूट पैकिंग का काम देने का झांसा दिया था। वह तीन माह के वीजा पर 30 मई को मलेशिया पहुंच भी गया, लेकिन यहां उससे फ्रूट पैकिंग के बजाय खेती का काम कड़ी निगरानी में कराया गया। वहां उसके कपड़े, कागजात आदि भी छीन लिए।
- ये बरतें सावधानी
- एजेंट मान्यता प्राप्त होना चाहिए।
- जिस देश में जाना है, दस्तावेज उनके अनुसार होने चाहिए।
- जिस काम का भरोसा दिया जाता है उसमें दक्षता हो।
- ये भी जानें
- 51 मामले आ चुके हैं ठगी के
- 11 माह में ट्रेस किए 11 मामले
- 01 मामला अब तक अनट्रेस
- 07 मामले इसी माह आए सामने
- 06 करोड़ से अधिक की ठगी
- 37 मामले जांच के लिए लंबित
- लोगों की ये राय
- 90 फीसद बोले- युवाओं में डॉलर की चाह भी है कारण
- 35 फीसद की राय- पुलिस समय-समय पर करे जागरूक
- 60 फीसद का कहना- स्वरोजगार अपनाएं तो घटेंगे मामले
- ये लालच ले जाता है विदेश
- कम काम करने पर भी अधिक विदेशी मुद्रा कमाने का मौका।
- जाते ही काम दिलाने का विश्वास।
- सुरक्षित सफर से लेकर वहां भी बेहतर व्यवस्था का भरोसा।
- स्थायी निवासी होने का भी लालच।