सेक्टर-18 के आसपास लगे उद्योगों से पीसीबी नहीं कर पाया रिकवरी
जागरण संवाददाता पानीपत रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन सेक्टर 18 की शिकायत पर सेक्टर के अ
जागरण संवाददाता, पानीपत :रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन सेक्टर 18 की शिकायत पर सेक्टर के आसपास बसी 10 स्पिनिग मिलों पर एनजीटी के निर्देश पर कार्रवाई हुए छह माह बीत चुके हैं। छह माह पहले फरवरी में हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस क्षेत्र में 10 स्पिनिग मिल के बोरवेल सील कर 19 पेज की एक्शन टेकन रिपोर्ट भेजी थी। 35 लाख रुपये भूजल का दुरुपयोग करने का हर्जाना उद्योगों पर लगाया गया था। इस क्षेत्र में नौ स्पिनिग मिल व एक सावन मोटर यूनिट लगा है। सावन मोटर ने बोर्ड को लिख कर दिया है कि उसने वाशिग का काम बंद कर दिया है। इस क्षेत्र में दो इंजीनियरिग यूनिट लगे हुए हैं, जो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तहत नहीं आते।
छह माह पूर्व अवैध रूप से भूजल निकालने वाली इन इंडस्ट्री पर लगा हर्जाना
1. लोगों वाल स्पिनिग मिल 6,96,800 रुपये
2. लूम्स स्पिनिग मिल्स : 3,48,400 रुपये
3. गीता स्पिनिग मिल : 1,39,460 रुपये
4. अशोका स्पिनिग मिल्स : 2,78,720 रुपये
5.भारतीय स्पिनिग मिल्स : 1,30,320 रुपये
6. लार्ड शिवा स्पिनिग मिल : 2,60,640 रुपये
यहां डीएसपी हैंडलूम चल रहा है।
7. कौशल्या वूलन मिल : 2,78,720 रुपये
8. सरस्वती वूलन मिल : 4,18,080 रुपये
9. ज्योति स्पिनिग मिल : 8,76,719
10. प्रकाश वूलन मिल । भूजल दोहन की अनुमति नहीं
भूजल का प्रयोग करने से पहले सेंट्रल ग्राउंड वॉटर अथॉरिटी से अनुमति लेना अनिवार्य है। सात उद्योगों को छोड़कर पूरे जिले में किसी भी उद्योग के पास भूजल प्रयोग करने की अनुमति नहीं है। उद्योगों ने इसके लिए ऑन लाइन आवेदन भी किया है, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी जा रही। इस मामले में प्रदेश में स्टेट का ग्राउंड वॉटर अथॉरिटी गठन करने की उद्योगों की मांग है। पंजाब में स्टेट कार्यालय है जो अनुमति देता है।
डीसी कार्यालय को लिखा है
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसडीओ विपिन कुमार ने बताया कि एक्शन टेकन रिपोर्ट में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जो हर्जाना लगाया हुआ है। उसकी रिकवरी होनी है। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने डीसी कार्यालय को लिखा है। सेक्टर 18 में कोई भी रंगाई उद्योग नहीं लगा हुआ। स्पिनिग मिल लगे हुए हैं। इन सभी के बोरवेल सील हैं। अब ये उद्योग पीने का पानी सेक्टर से ले लिया है।