सिविल अस्पताल की एंबुलेंस से हो रही दवा ढुलाई, मरीज भटक रहे
ये है पानीपत का सिविल अस्पताल। कोविड-19 वायरस के संक्रमण बढ़ने संदिग्ध मरीजों को घरों से अस्पताल लाने का जरिया एंबुलेंस हैं। एंबुलेंस न मिलने से लोग भटकते रहते हैं। यहां की एंबुलेंस को मरीजों के लिए नहीं बल्कि दवा ढुलाई में इस्तेमाल किया जा रहा है। सप्ताह में दो या तीन बार एंबुलेंस करनाल के सरकारी दवा गोदाम से दवा लेकर सिविल अस्पताल पहुंचती है। कभी-कभी तो एंबुलेंस एक दिन में दो-दो चक्कर भी दवा लाने के लिए लगाती है।
विजय गाहल्याण, पानीपत
ये है पानीपत का सिविल अस्पताल। कोविड-19 वायरस के संक्रमण बढ़ने संदिग्ध मरीजों को घरों से अस्पताल लाने का जरिया एंबुलेंस है। एंबुलेंस न मिलने से लोग भटकते रहते हैं। यहां की एंबुलेंस को मरीजों के लिए नहीं बल्कि दवा ढुलाई में इस्तेमाल किया जा रहा है। सप्ताह में दो या तीन बार एंबुलेंस करनाल के सरकारी दवा गोदाम से दवा लेकर सिविल अस्पताल पहुंचती है। कभी-कभी तो एंबुलेंस एक दिन में दो-दो चक्कर भी दवा लाने के लिए लगाती है। अस्पताल के पास बोलेरो व अन्य कई वाहन हैं। फिर भी दवा एंबुलेंस से लाई जाती है। जबकि प्रदेश के किसी अन्य अस्पताल में ऐसा नहीं हो रहा है। ये सभी आला अधिकारियों की निगेहबानी में हो रहा है। करनाल से पानीपत दवा लाने का अन्य वाहन 2500 किराया लेते हैं। सवाल ये है कि क्या अन्य वाहन न भेजकर एंबुलेंस से दवा ढुलाई करके किराया हजम किया जा रहा है। इस बारे में अधिकारी भी स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहे हैं।
हर रोज 100 मरीजों को अस्पताल लाया जाता है
सिविल अस्पताल के रिकार्ड के अनुसार मई महीने में एंबुलेंस कंट्रोल रूम से 3100 कॉल आई। कोविड के 1507 संदिग्ध मरीज, 47 पॉजिटिव और 1517 गर्भवती व अन्य मरीजों को एंबुलेंस से घरों से सिविल अस्पताल, मेडिकल कॉलेज खानपुर और रोहतक लाया व ले जाया गया। जून में औसतन हर रोज 100 लोगों को अस्पताल व रोहतक ले जाया जाता है। अस्पताल के बेड़े में 13 एंबुलेंस चालू स्थित में हैं। एंबुलेंस की कमी के वजह से मरीजों को असुविधा हो रही है। मरीज राजेश ने बताया कि वह सिविल अस्पताल में आया है, लेकिन काफी देर से एंबुलेंस नहीं मिली है।
दो एंबुलेंस खराब, पांच की है जरूरत
स्वास्थ्य विभाग के पास 15 एंबुलेंस हैं। इसमें से दो एंबुलेंस खराब हैं। एक एंबुलेंस को शव को लाने व ले जाने के लिए प्रयोग किया जा रहा है। पानीपत सिविल अस्पताल में छह, सीएचसी अहर, खोतपुरा, बापौली, नौल्था, सिवाह और सेक्टर-25 शहरी स्वास्थ्य केंद्र में एक-एक और समालखा सरकारी अस्पताल में दो एबुलेंस हैं। एक एंबुलेंस में तीन ड्राइवर होते हैं। उपलब्ध 30 ड्राइव हैं। 15 और ड्राइवरों की आवश्यकता है। जिले की आबादी करीब 16 लाख है। इस हिसाब से कम से कम पांच और एंबुलेंस की जरूरत है।
करनाल के सरकारी गोदाम एक बार कैंटर और दवा वैन से दवा मंगाई गई है। दवा वैन खराब हो गई है। उसके संज्ञान में एक बार ही एंबुलेंस इमरजेंसी में दवा लाने के लिए करनाल भेजी गई थी। बार-बार एंबुलेंस से दवा मंगाई जा रही है ये उसका संज्ञान में नहीं है।
डॉ. नवीन सुनेजा, नोडल अधिकारी, नेशनल हेल्थ मिशन