पार्टी ने तीसरी बार विश्वास जताया, एक बार आप भी दें मौका : बलबीर
इसराना विधानसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी बलबीर वाल्मीकि चुनावी प्रचार के चलते दिनचर्या पूरी तरह से बदल चुकी है। वो सुबह पांच बजे ही उठ जाते है। सबसे पहले स्नान कर पूजा अर्चना करते है।
महीपाल जोगी इसराना
इसराना विधानसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी बलबीर वाल्मीकि चुनावी प्रचार के चलते दिनचर्या पूरी तरह से बदल चुकी है। वो सुबह पांच बजे ही उठ जाते है। सबसे पहले स्नान कर पूजा अर्चना करते है। इसके बाद समर्थकों के साथ दिन भर के चुनावी प्रचार पर गहनता से मंथन कर काफिले के साथ निकल पड़ते हैं। जनसभाओं से लेकर रास्ते में मिलने वाले हर किसी से हाथ जोड़कर वोट की अपील करते है। सात बजे ही काफिला के साथ निकले
कांग्रेस प्रत्याशी बलबीर वाल्मीकि सुबह सात बजे ही काफिले के साथ प्रचार के लिए निकल पड़े। सबसे पहले नौल्था में बाबा लाठे वाले मंदिर पहुंचे। वहां बाबा के चरणों में मत्था टेकने के बाद राधा कृष्ण मंदिर और फिर इसराना में खालसा प्रचार संत भवन में पहुंच आशीर्वाद लिया। इसके बाद नौल्था गांव में डोर-टू-डोर मतदाताओं के पास पहुंच दो बार की हार का जिक्र करते हुए वोट दे एक बार मौका देने की बात कहीं। कई जगहों पर चाय पानी रखा गया। हर किसी के वहां पहुंचे। जहां स्वागत करने के साथ मतदाताओं ने जीत का विश्वास दिलाया तो चेहरे पर खुशी दिखने लगी। दोपहर होते होते कुराना गांव पहुंचे। वहां भी पहले बाबा भाउपुरी के मंदिर में मत्था टेका। मतदाताओं से वोट मांगने में लग गए। करीब डेढ़ घंटे तक गांव में घूमे। रास्ते में मिले युवाओं से हाथ मिलाया और बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया। सभा स्थल पर पहुंचे तो लोग इंतजार में बैठे थे। उन्होंने फूलमाला पहना पगड़ी बांधकर स्वागत किया।
बलबीर ने माइक संभालते हुए कहा कि पार्टी ने मेरे ऊपर तीसरी बार विश्वास जता कर मुझे मौका दिया है। आप भी मेरे पर विश्वास कर एक मौका जरूर दें। हलके की तकदीर और तस्वीर दोनों को बदलने का काम करूंगा। युवाओं के लिए रोजगार के साधन पैदा कराए जाएंगे। ताकि बेरोजगारी दूर हो सके। इसी बीच भावुक हो गए और हाथ जोड़कर दो बार की हार का जिक्र कर मौका देने की फिर याद दिलाई। लोगों ने भी हाथ उठाकर समर्थन का भरोसा दिया। शाम को कार्यकर्ताओं से फिर मंथन
बलबीर शाम को चुनावी प्रचार को कुछ ब्रेक देने के बाद कार्यकर्ताओं से रास्ते में ही मिले। सभी से दिन भर के प्रचार को लेकर मंथन किया और फिर मतदाताओं के बीच जाने के लिए निकल पड़े। लोगों का गिला शिकवा दूर करने में लगे रहे।