शुगर मिल ने किया 11 करोड़ का भुगतान
गन्ने की फसल का भाव पिछले दो साल से 340 रुपये प्रति क्विंटल ही है। सरकार ने माहभर पहले गन्ने की फसल के भाव में 10 रुपये इजाफा करने की घोषणा की थी। कुछ किसानों को 350 रुपये के भाव की पर्चियां भी मिली थी
जागरण संवाददाता, पानीपत : शुगर मिल के 64वें पेराई सत्र में निर्धारित लक्ष्य 30 लाख क्विंटल के 33 फीसद से अधिक यानि 10.50 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई हो चुकी है। वहीं किसानों की 30 नवंबर तक की लगभग 11 करोड़ रुपये की पेमेंट का भुगतान हो चुका है। किसान संतुष्ट तो हैं, लेकिन गन्ने के भाव में इजाफा नहीं होने से चितित भी हैं। शनिवार को शुगर मिल में किसानों ने फसल के भाव बढ़ाने की मांग उठाई।
किसान जगबीर, बलकार अंद्रा निवासी कुराड़ और नरसिंह निवासी धनसौली ने बताया कि गन्ने की फसल का भाव पिछले दो साल से 340 रुपये प्रति क्विंटल ही है। सरकार ने माहभर पहले गन्ने की फसल के भाव में 10 रुपये इजाफा करने की घोषणा की थी। कुछ किसानों को 350 रुपये के भाव की पर्चियां भी मिली, लेकिन बाद में पुराने रेट में ही फसल खरीद होने लगी। बढ़ती महंगाई के कारण डीजल, खाद, बीज, कीटनाशक इत्यादि के दाम बढ़े ही है, लेकिन फसल के दाम आज भी ज्यों के त्यों है।
वहीं दूसरी ओर सरप्लस गन्ना किसानों के लिए बड़ी चुनौती बन रहा है। अभी तक शुगर मिल प्रबंधन की ओर से सरप्लस गन्ने के लिए दूसरे मिलों की पर्चियां देनी शुरू नहीं की गई हैं। किसानों का दावा है कि अगर जल्द ही सरप्लस गन्ने की पर्ची नहीं मिली तो खेतों में खड़ा गन्ना सूखने लग जाएगा। जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान होगा।
3 से 30 नवंबर तक की हुई पेमेंट
शुगर मिल में कार्यरत अधिकारियों के मुताबिक गन्ने की लगभग 4.44 करोड़ की पहली और 6.52 करोड़ रुपये की दूसरी पेमेंट की जा चुकी है। यानि 27 दिन की अवधि की लगभग 11 करोड़ रुपये की पेमेंट हो गई है। वहीं किसानों का कहना है कि अभी तक सिर्फ एक पेमेंट ही उनके खाते में आई है। अगर दिसंबर माह तक की पेमेंट मिल जाती है तो खेतों में गेहूं, मूंग, खरबूजा, प्लेज आदि फसल की बुआई की तैयारी करेंगे।