Panipat: अनजान के लिए लगाई जान की बाजी, फंसें हुए सफाईकर्मी को बचाने के लिए सीवर में उतरे युवक की मौत
ट्रांसपोर्टर सुरेंद्र ने सफाईकर्मी को बचाने में स्वयं की जान बाजी लगा दी। वह हमेशा सबकी सहायता के लिए तत्पर रहता था। वे उस सफाई कर्मचारी को जानता तक नहीं था। इसके बावजूद उसकी जान बचाने के लिए सीवर में उतर गया। (मृतक की फाइल फोटो)
विजय गाहल्याण, पानीपत। सफाईकर्मी जयभगवान की जान बचाने के प्रयास में स्वयं की जान गंवाने वाले ट्रांसपोर्टर सुरेंद्र (25) वास्तविक नायक थे। वे जयभगवान को जानते भी नहीं थे। उसे बचाने के लिए वह सीवर के मैनहोल में उतर गए और अपनी भी जान गंवा बैठे। उनके मित्र और परिचित बताते हैं कि वह अपने परिवार व मित्रों के लिए भी नायक थे।
दुर्घटना में हो गई थी पिता की मौत
जब कभी मित्रों पर संकट होता उनको आर्थिक सहायता करते। कहते-मैं हूं न। सुरेंद्र अपने परिवार की वे रीढ़ थे। उनके बड़े भाई रामलाल दिव्यांग हैं। उन्होंने बताया कि करनाल के दरड़ गांव से पिता दिलीप 32 साल पहले पानीपत आ गए थे और ट्रैक्टर-ट्राली में माल ढुलाई कर परिवार का पालन- पोषण किया। सन 2001 में देवी लाल पार्क के पास ट्रैक्टर पलट गया। उस दुर्घटना में पिता की मौत हो गई।
मेहनत से परिवार को किया आर्थिक रूप से मजबूत
परिवार आर्थिक संकट में चल रहा था। यह देख चार साल पहले भाई सुरेंद्र ने कक्षा 11 के बाद पढ़ाई छोड़ दी और ट्रांसपोर्ट का काम करने लगे। दिन-रात मेहनत की और खुद भी गाड़ी चलाई और अपने परिश्रम के बल पर 15 गाड़ियों का मालिक बन गया। बड़े भाई रविंद्र और रोबिन को साथ लेकर पाल ब्रदर्स के नाम से बरसत रोड पर अपने ट्रांसपोर्ट का कार्यालय बनाया और परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत किया।
अनजान के लिए लगाई जान की बाजी
जयभगवान को नहीं जानता था रामलाल बताते हैं कि वीरवार दोपहर को सुरेंद्र घर से खाना खाकर ट्रांसपोर्ट पर आया था। तभी उसे पता चला कि एक सफाईकर्मी सीवर में फंस गया है। वह सफाईकर्मी जयभगवान को जानता नहीं था। इसके बावजूद सफाईकर्मी की जान बचाने के लिए सीवर में उतर गया।
भाई ने सफाईकर्मी के लिए जान की बाजी लगा दी। रामलाल ने बताया कि सुरेंद्र उससे बार-बार कहता था कि मई में बड़े भाई रोबिन की और उसके बाद अपनी शादी पूरी धूमधाम से करेगा। सभी रिश्तेदार व पुराने दोस्तों को शादी में बुलाऊंगा। लेकिन अब वह सपना कभी नहीं पूरा होगा।