पानीपत के किसान ने पांच एकड़ गेहूं पर चलाया ट्रैक्टर, किसान नेता बोले- न करें अपना नुकसान
किसान का कहना है कि सरकार द्वारा किसानों की मांग न मानने से दुखी होकर उसने ये कदम उठाया है। नरेश ने बताया कि दो बार वह सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन में सब्जी घी व अन्य सामान लेकर गया था। इस बार राकेश टिकैत से भी मिलेगा।
पानीपत, जेएनएन। कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन जारी है। वहीं किसान अब खेतों में खड़ी अपनी गेहूं की फसलों की जुताई भी करने लगे हैं। बुधवार को इसराना के किसान नरेश जागलान ने भी खेत में खड़ी अपनी करीब पांच एकड़ गेहूं की फसल की जुताई कर दी। किसान का कहना है कि सरकार द्वारा किसानों की मांग न मानने से दुखी होकर उसने यह कदम उठाया है। यदि संयुक्त मोर्चा कहेगा तो वह बाकी फसल को नष्ट कर देगा। नरेश ने बताया कि दो बार वह सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन में सब्जी, घी व अन्य सामान लेकर गया था। इस बार किसान नेता राकेश टिकैत से भी मिलेगा।
किसान नेता बोले- फसलों की जुताई समाधान नहीं
प्रदेश में लगातार किसानों के फसलों पर ट्रैक्टर चलाने के मामले सामने आ रहे हैं। पर किसान नेता किसानों के इस कदम से सहमत नहीं हैं। इसराना में गेहूं पर ट्रैक्टर चलाने की घटना पर भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान कुलदीप बलाना ने कहा कि फसलों की जुताई करना कोई स्थायी समाधान नहीं है। इससे किसान को ही नुकसान होगा। संयुक्त मोर्चा ने भी ऐसा कोई आह्वान नहीं किया है। इसलिए किसान अपनी फसलों की जुताई न करें। ऐसी नौबत आती है तो फसल को मंडी में बेचने की बजाय घरों पर स्टोर कर लें या गोशाला में दान कर दें।
फसलों की जुताई न करें किसान
वहीं, इस बारे में पानीपत बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान व जागरूक वकील किसान मोर्चा के प्रधान सत्यदेव रूहल ने कहा कि किसान भावनाओं में बहकर अपनी गेहूं की फसल की जुताई न करे। इस प्रकार किसान ना केवल मनुष्य के लिए खाने के अनाज को खत्म कर रहे हैं, अपितु पशुओं के लिए चारा भी खत्म कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपनी फसल की जुताई न करके आंदोलन को शांतिपूर्वक तरीके से चलाते रहें।