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किसी भी एक्ट के तहत पंजीकृत नहीं थी मैट फैक्ट्री

जागरण संवाददाता, पानीपत गंगापुरी रोड स्थित जिस मैट फैक्ट्री में आग लगने से मां-बेटे के मौत

By Edited By: Published: Tue, 27 Sep 2016 03:10 AM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2016 03:10 AM (IST)
किसी भी एक्ट के तहत पंजीकृत नहीं थी मैट फैक्ट्री

जागरण संवाददाता, पानीपत

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गंगापुरी रोड स्थित जिस मैट फैक्ट्री में आग लगने से मां-बेटे के मौत हुई, वह किसी भी एक्ट के तहत पंजीकृत नहीं थी। जिला उपायुक्त के आदेशों पर प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है। इस पर संज्ञान लेते हुए जिला उपायुक्त ने सोमवार अपराहन श्रम विभाग, अग्निशमन विभाग और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक ली और शहर की औद्योगिक इकाइयों में सुरक्षा मानकों की जांच के लिए 5 सदस्यीय समिति गठित कर दी।

गंगापुरी रोड स्थित जय मां टेक्सटाइल में आग से दो मौत की घटना के बाद जिला उपायुक्त डॉ. चंद्रशेखर खरे ने श्रम विभाग के उप निदेशक को प्राथमिक जांच के आदेश दिए थे, जिसमें खुलासा हुआ कि यह फैक्टरी न तो शॉप एक्ट के तहत पंजीकृत है और न ही फैक्टरी एक्ट के तहत। बताया जा रहा है कि यह फैक्टरी लगभग 150 गज जगह में स्थित है। यहां हर प्रकार के सुरक्षा मानकों की घोर अवहेलना की गई है। फैक्ट्री संचालकों ने स्थानीय निकाय विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं लिया है।

समिति देखेगी कितनी सुरक्षित हैं औद्योगिक इकाइयां-

डीसी डॉ. खरे ने शहर की औद्योगिक इकाइयों में सुरक्षा मानकों की जांच के लिए 5 सदस्यीय समिति गठित की है। यह समिति सभी इकाइयों का दौरा कर देखेगी कि यहां आकस्मिक स्थिति में कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए क्या व्यवस्थाएं की गई हैं ताकि इस प्रकार की घटनाएं दोबारा न हों। समिति में विभिन्न विभागों के अधिकारियों को शामिल किया गया है। समिति को 7 अक्टूबर तक रिपोर्ट जमा करने का समय भी दिया गया है।

समिति में ये सदस्य हैं शामिल :

जिला उपायुक्त डॉ. चंद्रशेखर खरे द्वारा गठित समिति में बिजली निगम के अधीक्षण अभियंता के प्रतिनिधि, नगर निगम आयुक्त के प्रतिनिधि, उपश्रमायुक्त के प्रतिनिधि, औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के उपनिदेशक और समालखा, पानीपत के फायर स्टेशन ऑफिसर को शामिल किया गया है।

यह जांच करेगी समिति :

समिति जांच के दौरान यह सुनिश्चित करेगी कि अग्निशमन यंत्र और रेत से भरी बाल्टी सही स्थान पर उपलब्ध हो। इलेक्ट्रिकल पेनल के नीचे रबर की मैट हो और उचित अर्थिग की गई हो। एक नोटिस बोर्ड हो, जिस पर पुलिस, अग्निशमन एवं अन्य अधिकारियों के फोन नंबर लिखे हों ताकि आपातकालीन स्थिति में फोन कर सूचना दी जा सके। यदि एक गेट बंद है तो बाहर निकलने के लिए दूसरा गेट हमेशा खुला हो। इसके अतिरिक्त इकाई फैक्ट्री या शॉप एक्ट की अनुपालना कर रही हो।

जिला उपायुक्त डॉ. खरे ने इस संबंध में बिक्री कर विभाग से भी जानकारियां निकलवाने के निर्देश दिए हैं।


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