हैंडलूम कारोबारी की पत्नी के हत्यारे को उम्रकैद
जागरण संवाददाता, पानीपत अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश शशिबाला चौहान की अदालत ने हैंडलूम क
जागरण संवाददाता, पानीपत
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश शशिबाला चौहान की अदालत ने हैंडलूम कारोबारी की पत्नी की हत्या मामले में सुनवाई करते हुए दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट में उस पर गहने, नकदी व मोबाइल लूट का आरोप साबित हुआ है। हत्यारोपी उत्तर प्रदेश के जिला अंबेडकर नगर का मूल निवासी है। हैंडलूम कारोबारी के यहां नौकरी कर चुका था।
खन्ना रोड, किशनपुरा निवासी हैंडलूम कारोबारी नरेश बंसल का अमर भवन चौक के पास कंबल का गोदाम है। 29 दिसंबर, 2015 को वह कारोबार के सिलसिले में लुधियाना गए हुए थे। पुत्र रवि बंसल दुकान संभाल रहा था। शाम के समय घर में घुसे बदमाश ने नरेश बंसल की 50 वर्षीया पत्नी सुदेश की धारदार हथियार से हत्या कर दी थी। हत्यारा घर में रखे 50-60 हजार रुपए, 10 तोले से अधिक सोने के आभूषण व मोबाइल फोन आदि लूटकर ले गया था। वारदात के समय घर के नीचे बने गोदाम में संदीप और बिंटू नाम के दो कारीगर कंबल की कटाई कर रहे थे। देर शाम व्यापारी का पुत्र रवि घर पहुंचा तो उसकी मां लहूलुहान अवस्था में पड़ी हुई थी। घर का सामान अस्त-व्यस्त था। घटना स्थल पर पहुंची पुलिस ने किसी वारदात में किसी जानकार पर लूट व हत्या का संदेह जाहिर किया था। व्यापारी के पुत्र रवि ने अज्ञात के खिलाफ किशनपुरा पुलिस चौकी में मुकदमा दर्ज कराया था। घटना की जांच करते हुए सीआईए वन ने 13 जनवरी 2016 को उप्र. के अंबेडकर नगर निवासी भीम सिंह को पानीपत रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने दावा किया कि पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया था।
अदालत में मुकदमा विचाराधीन था। अदालत ने 25 अक्टूबर को दो पक्षों के वकीलों की दलील, गवाही को सुनने और सबूतों के आधार पर भीम को दोषी करार दिया। शनिवार को हुई सुनवाई में अदालत ने उसे उम्रकैद व 42 हजार रुपये का हर्जाना सुनाया। हर्जाना नहीं चुकाने पर दोषी को एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
वारदात को अंजाम देकर घर चला गया :
पुलिस ने दावा किया कि वृद्धा की हत्या में दोषी ठहराया गया भीम सिंह घटना के लगभग 1 साल पहले तक नरेश बंसल की फैक्ट्री में काम किया करता था। 29 दिसंबर को वह नरेश बंसल के घर गया और काम व एडवांस रकम मांगी। अकेली महिला सुदेश को देखकर वह ऊपरी मंजिल पर रसोई में पहुंच गया। काम और एडवास रुपए नहीं मिले तो उसकी चाकू से हत्या कर दीा। वारदात के तुंरत बाद वह अपने पैत्रक घर रवाना हो गया था।
भीम यूं चढ़ा पुलिस के हत्थे :
पुलिस को वारदात के समय ही शक हो गया था कि हत्या व लूट किसी परिचित ने की है। सबसे ज्यादा श्रमिकों पर संदेह किया गया। पुलिस ने कारोबारी की फैक्ट्री में काम कर चुके पुराने श्रमिकों की लोकेशन खंगाली तो भीम सिंह लापता था। गोदाम में कंबल की कटाई कर रहे श्रमिकों से पूछताछ में हुलिया जाना, सीसीटीवी का रिकॉर्ड खंगाला तो भीम सिंह पर संदेह और पुख्ता हो गया। लूटे गए मोबाइल फोन से भी पुलिस को मदद मिली। भीम अपना सामान लेने के लिए पानीपत आया और वापस जाने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचा। सूचना पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।