इनकम टैक्स का टारगेट अधूरा, इसलिए औद्योगिक नगरी के कारोबारियों की उड़ी नींद
आयकर विभाग अभी तक 110 करोड़ का लक्ष्य हासिल कर पाया है। हालांकि इस बार विभाग को 260 करोड़ का लक्ष्य हासिल करना था। विभाग के अधिकारियों के साथ कारोबारियों की चिंता बढ़ गई है।
पानीपत [महावीर गोयल]। वित्त वर्ष का काउंट डाउन शुरू हो चुका है। अब सिर्फ 53 दिन शेष हैं। अभी आयकर विभाग का अपने लक्ष्य से आधे पर है। वित्त वर्ष 2018-19 समाप्त होने के दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, आयकर विभाग की नींद भी उड़ती जा रही है। वहीं कारोबारियों की नजर विभाग पर है। आखिर अब उनका अगला कदम क्या होगा। विस्तृत खबर के लिए पढ़ें ये रिपोर्ट।
औद्योगिक नगर पानीपत में इनकम टैक्स का टारगेट पूरा नहीं हो पा रहा है। वित्त वर्ष का काउंट डाउन शुरू हो चुका है। 53 दिन ही बचे हैं। आयकर विभाग को इस वर्ष का टारगेट 260 करोड़ रुपये दिया गया है। 110 करोड़ रुपये टैक्स ही आयकर विभाग जुटा पाया है। इस बार रिफंड अधिक होने के कारण टैक्स का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है।
विभाग ने कसी कमर
टारगेट को पूरा करने के लिए विभाग अब दो स्तर पर कार्य कर रहा है। विभाग ने तहसील स्तर पर जागरूकता अभियान शुरू कर दिए हैं। समालखा, इसराना, मतलौडा, बापौली में आयकर अधिकारी स्वयं जाकर लोगों को अधिक से अधिक रिटर्न दाखिल करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। आयकर दाताओं से सीधा संवाद अधिकारी कर रहे हैं। उनसे आयकर विवरणी दाखिल करने में आने वाली समस्या की जानकारी ले रहे हैं।
सर्वे की तैयारी
जागरूकता अभियान के साथ ही आयकर विभाग बड़े पैमाने पर सर्वे की तैयारी में जुटा हुआ है। हालांकि, टारगेट को पूरा कर पाना आयकर अधिकारियों के लिए टेढ़ी खीर बना हुआ है। विभाग सम्मान जनक स्कोर हासिल करने के प्रयास में है।
आयकर के रडार पर दिल्ली में आइटीआर भरने वाले
विभाग के राडार पर वे लोग आ गए हैं जिनका कारोबार पानीपत में हैं, आईटीआर दिल्ली में भर रहे हैं। पानीपत में काम करने वाले बहुत से व्यवसायी आयकर की निगाहों से बचने के लिए दिल्ली में आयकर की रिटर्न दाखिल कर रहे हैं। इनका डाटा तैयार किया जा रहा है। जो व्यवसायी कृषि आय दिखाकर टैक्स बचा रहे हैं उन पर भी आयकर विभाग की निगाहें लगी हैं। जीएसटी विभाग से आयकर विभाग डाटा जुटा रहा है। इस तैयारी के पूर्ण होते ही विभाग का सर्वे शुरू होगा।
विभाग कर रहा प्रेरित
लोगों को आयकर भरने के लिए विभाग प्रेरित कर रहा है। तहसील स्तर पर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। अब यदि टैक्स चोरी पकड़ी जाती है तो 78 प्रतिशत टैक्स लगता है। पहले 30 प्रतिशत टैक्स लगता था। भारी जुर्माने से बचने के लिए आयकर दाताओं को ईमानदारी से आगे आना चाहिए।
अनीता मीना, संयुक्त आयकर आयुक्त, पानीपत