Panipat ने China को दिया बड़ा झटका, उन्हीं के संसाधनों से कारोबारियों ने किया ये कारनामा
पानीपत टेक्सटाइल सिटी के आगे चीन के कंबल का कारोबार टिक नहीं पाया। विश्व में नंबर वन होने के बाद पानीपत के कारोबारियों ने थ्री डी चादर में उसकी बादशाहत को खत्म कर दिया है।
पानीपत, [महावीर गोयल]। पानीपत के उद्यमियों की मेहनत रंग लाई है। मिंक कंबल के बाद थ्री डी चादर बनाने में चीनी कारोबार को झटका देने में यहां के उद्यमी सफल रहे हैं। थ्री डी चादर के व्यापार में पानीपत ने चीन को काफी पीछे छोड़ दिया है। एक साल पहले इसमें चीन की बादशाहत थी। वहां से आने वाली सस्ती व डिजाइनदार चादर की चमक को कम करने के लिए यहां के उद्यमियों ने दिन-रात एक कर दिया।
उद्यमी चीन से मशीन लेकर आए और चादरें बनानी शुरू की। थ्री डी चादर बनाने के कारोबार में पोलर कंबल उद्योग भी कूद गए हैं। ऑफ सीजन में पोलर कंबल के स्थान पर थ्री डी चादर बनाई जाती है। पहले पोलर व मिंक कंबल चीन से आता था।
कई देशों में निर्यात शुरू किया
पानीपत में बनने वाली थ्री डी चादर का अब अन्य देशों में निर्यात होना शुरू हो गया है। पहले पानीपत हैवी चादर के लिए मशहूर था। यहां की बनी बेडशीट शादी विवाह में उपहार देने के लिए इस्तेमाल जाती थी। चीन से थ्री डी चादर आने के बाद यहां उद्योग लगभग ठप हो गया था।
60-70 से शुरू होकर 400 रुपये तक बिकती
थ्री डी चादरें 60 से शुरू होकर 400 रुपये तक थोक में बिकती हैं। रिटेल में 100 से 1000 रुपये तक बिकती हैं। 300 करोड़ से अधिक की थ्री डी चादरों का कारोबार अकेले पानीपत से हो रहा है।
हल्की रेंज में पूरा कब्जा
कारोबारी ईश्वर मित्तल का कहना है कि 80 फीसद पानीपत की बनी चादरें बिक रही हैं। गिफ्ट पैक आइटम 20 फीसद अभी भी चीन से आ रहे हैं। महंगी क्वालिटी पर भी यहां के उद्यमी काम कर रहे हैं। पोलर कंबल उद्योगों के लिए 3डी संजीवनी साबित हुई। पहले ऑफ सीजन में पोलर उद्योग बंद करने पड़ते थे।
जीएसटी ड्यूटी वृद्धि का भी लाभ
जीएसटी ड्यूटी में बढ़ोतरी से चीन से आने वाली चादर महंगी पडऩे लगी। इसका लाभ स्थानीय उद्योगों को मिल रहा है। अब यहां के उद्योग चीन से सस्ती चादर बेच रहे हैं।
सरकार दे साथ तो निर्यात बढ़ेगा
हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव मनीष अग्रवाल का कहना है कि सरकार यहां के टेक्सटाइल उद्योगों पर ध्यान दे तो निर्यात दोगुना होगा। साथ ही रोजगार को भी बढ़ावा मिल सकता है। उद्योगों को खड़ा करने में उद्यमियों की अपनी मेहनत काम कर रही है। पानीपत में रिसर्च केंद्र (आरएंडडी) की स्थापना होनी चाहिए। जिससे यहां के उद्यमियों को नए आइडिया मिल सके।