नीरज चोपड़ा के बाद 80 साल की बुजुर्ग महिला का कमाल, जैवलिन थ्रो में जीता रजत पदक
पानीपत में नीरज चोपड़ा के बाद 80 साल की बुजुर्ग महिला के नाम के चर्चे हो रहे है। पूर्व मंत्री बिजेंद्र कादियान की सास दर्शना देशवाल ने नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जैवलिन थ्रो में रजत पदक जीत मिसाल पेश की।
पानीपत, जागरण संवाददाता। पूर्व पशुपालन मंत्री बिजेंद्र कादियान उर्फ बिल्लू की सास सेवानिवृत शिक्षिका 80 वर्षीय दर्शना देशवाल ने पहली नेशनल मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जैवलिन थ्रो में रजत पदक जीता। यह प्रतियोगिता गुजरात के वडोदरा में 16 से 19 जून को हुई। इससे पहले दर्शना राज्य, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई प्रतियोगिताओं में 20 पदक जीत चुकी हैं।
अटावला गांव की दर्शना हाल पता सेक्टर 13-17 ने ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि वर्ष 2017 में चंडीगढ़ की 101 वर्षीय मनकौर ने राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 100 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता था। उनकी तस्वीर अखबार में छपी थी। उन्हें से प्रेरित होकर 2017 में खेल का अभ्यास करने की ठान ली। पति धर्मपाल देशवाल ने बांस की जैवलिन लाकर दी। अभ्यास किया तो आसपास के लोगों ने मजाक किया। उन्होंने किसी की परवाह नहीं की और
पहली बार जिला स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीता। तब दामाद बिजेंद्र कादिया ने अखबार में उनकी तस्वीर छपी देखी और बधाई दी। इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अब पदक जीतने पर मजाक करने वाले लोग ही तारीफ करते हैं। उनकी सफलता देख बुजुर्ग सहेली दया कौर व अन्य कई महिलाओं ने दौड़ का अभ्यास शुरू किया है। दर्शना का कहना है कि उनका लक्ष्य एशियन व विश्व मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतना है। इसके लिए वह और कड़ा अभ्यास करेगी।
पति कहते थे अंतिम सांस तक खेलते रहना, उन्हीं को पदक समर्पित किया पदक
दर्शना ने बताया कि वह जब शिक्षिका थी तब लड़कियों को कबड्डी का अभ्यास कराती थी, लेकिन स्वयं नहीं खेल पाई। सेवानिवृत होने पर पति मास्टर धर्मपाल ने उन्हें खेलने के लिए प्रेरित किया। ढाई साल पहले इकलौते बेटे सुशील की बीमारी से मौत हो गई थी। तब उन्होंने खेल छोड़ दिया था। पति व बड़ी बेटी सुशीला व छोटी बेटी सुमन ने उन्हें खेल जारी रखने के लिए उत्साहित किया। पति ने उन्हें कहा था कि अंतिम सांस तक खेलते रहना। 24 जनवरी 2022 को पति धर्मपाल की भी मौत हो गई। उन्होंने नेशनल में जीते रजत पदक को स्वर्गीत पति को समर्पित किया है।