डीएलएसए के पैनल एडवोकेट मानव तस्करी विषय पर करेंगे जागरूक
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण (डीएलएसए) के पैनल से जुड़े वकील राष्ट्रीय मानव तस्करी जागरूकता दिवस पर सोमवार को जगह-जगह शिविर लगाएंगे।
जागरण संवाददाता, पानीपत : राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की वर्ष 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक देश में मानव तस्करी के 2260 मामले दर्ज हुए। तस्करी के शिकार कुल 6616 लोगों में 2914 बच्चे और 3702 वयस्क हैं। हरियाणा में हर साल 20-22 केस दर्ज होते रहे हैं। जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण (डीएलएसए) के पैनल से जुड़े वकील राष्ट्रीय मानव तस्करी जागरूकता दिवस पर सोमवार को जगह-जगह शिविर लगाएंगे। प्राधिकरण के सचिव एवं सीजेएम अमित शर्मा ने यह जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि मानव तस्करी कानूनी व सामाजिक जुर्म है। राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण पंचकूला के सदस्य सचिव से प्राप्त दिशा निर्देशों की अनुपालन में लोगों को कानूनी साक्षरता के जरिए कानूनों, सजा और जुर्माना की जानकारी दी जाएगी। शिविरों में पैरा लीगल वालियंटर्स भी पैनल वकीलों का साथ देंगे। कानूनी साक्षरता शिविरों का उद्देश्य लोगों को उनके अधिकार, कर्तव्यों के बारे में जागरूक करना भी है।
सीजेएम के मुताबिक शिविरों में सरकार की योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी, ताकि जिले का हर व्यक्ति लाभान्वित हो सके।
यह है कानून
अनैतिक तस्करी निवारण अधिनियम के तहत व्यावसायिक यौन शोषण दंडनीय अपराध है। सात साल से आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। बंधुआ-जबरन मजदूरी रोकने के लिए, बंधुआ मजदूर उन्मूलन अधिनियम, बाल श्रम अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम भी लागू है।
ऐसे सक्रिय हैं तस्कर
बिहार, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, पश्चिमी बंगाल राज्यों से किशोरियों-युवतियों, बच्चों, व्यस्कों को तस्कर पहले दिल्ली, नोएडा, फरीदाबाद में खुली प्लेसमेंट एजेंसियों तक पहुंचाते हैं। यहां से तस्कर को मोटी रकम मिलती है। प्लेसमेंट एजेंसी किशोरियों-युवतियों को पानीपत में घरों-आफिसों में काम करने भेजते हैं। 24 घंटे काम की एवज में दो समय भोजन और माह में तीन से छह हजार रुपये दिए जाते हैं। कई बार यह रकम भी प्लेसमेंट एजेंसी हड़प जाती है। देह व्यापार, बच्चों से भीख मंगवाने, बाल श्रम के मामले भी सामने आए हैं।