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पानीपत में गैंगस्‍टर का अवैध निर्माण तोड़ने के मामले ने पकड़ा तूल, उग्राखेड़ी में पंचायत

मनोज बाबा के भाइयों का निर्माण तोड़े जाने के विरोध में उग्राखेड़ी में पंचायत हुई। प्रतिनिधिमंडल सांसद संजय भाटिया और पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन से मिला। पंचायत में कहा गया कि गोदाम और फैक्ट्री से माल भी निकालने नहीं दिया।

By Vijay Edited By: Anurag ShuklaPublished: Mon, 26 Sep 2022 10:59 AM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 10:59 AM (IST)
पानीपत में गैंगस्‍टर का अवैध निर्माण तोड़ने के मामले ने पकड़ा तूल, उग्राखेड़ी में पंचायत
गैंगस्‍टर का अवैध निर्माण तोड़ने के विरोध में पंचायत।

पानीपत, जागरण संवाददाता।  प्रशासन द्वारा अवैध निर्माण बताकर शनिवार को पीर वाल गली में गैंगस्टर मनोज बाबा व उसके दो भाइयों की चार फैक्ट्रियां व गोदाम तोड़ दिया था। इसी के विरोध में रविवार को उग्राखेड़ी गांव की चौपाल में 12 गांवों की पंचायत हुई। जिसमें सवाल उठाए गए कि फैक्ट्री व गोदाम मनोज के बड़े भाई दिलबाग व जयपाल की हैं। मनोज की जमीन पास में खाली है। इसके बावजूद निर्माणों को गिरा दिया गया। अगर यह किसी अपराधी पर कार्रवाई का हवाला था तो कार्रवाई मनोज के भाइयों पर क्यों की गई।

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जिला नगर योजनाकार को प्रशासन ने इसमें शामिल करके अवैध निर्माण गिराने की बात कही गई है तो आसपास 150 फैक्ट्री बनी हुई है। उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। प्रशासन की मंशा टारगेट करके निर्माण गिराने की थी, क्योंकि वर्ष 2018 में दिए गए नोटिस के बाद कार्रवाई बाबत फिर से नोटिस क्यों नहीं दिया गया। गोदाम व फैक्ट्री से माल भी निकालने नहीं दिया। 200 से ज्यादा कामगार बेरोजगार हो गए।

इस मौके पर जिला बार एसोसिएशन के प्रधान एडवोकेट सुरेंद्र दूहन ने कहा कि शनिवार को वह मौके पर गया था। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने डीसी से बात करने के बारे में कहा। डीसी को काल की गई थी, लेकिन संपर्क नहीं हुआ। उनके सामने ही निर्माण तोड़ दिए गए।

पंचायत पंचगामा प्रधान व उग्राखेड़ी गांव के सरपंच राजकुमार मलिक की अध्यक्षता में हुई। जिसमें 21 सदस्यीय कमेटी बनाई। इस कमेटी की उद्देश्य प्रशासन द्वारा निर्माण तोड़ने की अवैध कार्रवाई को विरोध करना और संजय बाबा के डेरे, उसके भतीजे विकास मलिक पुत्र दिलबाग की दुकान व गोदाम को तोड़ने से बचाना है। उग्राखेड़ी गांव के पूर्व सरपंच बिंटू मलिक ने बताया कि कमेटी के सदस्य रविवार दोपहर को बापौली में सांसद संजय भाटिया से मिले और तोड़ी गई फैक्ट्री व गोदाम के दस्तावेज सौंप कर कहा कि प्रसासन ने गलत कार्रवाई की है। आगे भी मनोज बाबा का नाम लेकर संजय और विकास के निर्माण तोड़ने की साजिश रची जा रही है।

सांसद भाटिया ने उनके सामने एसपी शशांक कुमार सावन को काल किया और कहा कि प्रशासन को जमीन के कागजात देखकर कार्रवाई करनी थी। जो तीन नोटिस दिए गए हैं उनके कागजात की जांच की जाए। इसके बाद विकास मलिक व जिला बार एसोसिएशन के प्रधान सुरेंद्र दूहन एसपी शशांक कुमार सावन से उनके निवास पर मिले और तीनों प्रापर्टी संबंधित दस्तावेज दिखाए। कमेटी 28 सितंबर तक प्रापर्टी के दस्तावेज, डीसी व एसपी को दिखाएंगे।

21 सदस्यीय कमेटी में ये हैं शामिल

21 सदस्यीय कमेटी में राजाखेड़ी से जिला पार्षद देव मलिक, बलजीत वाल्मीकि, रिसालू से सरपंच पति सुरेंद्र मलिक, नरेश मलिक, , उग्राखेड़ी से राजकुमार मलिक, सेवा सिंह मलिक और रामरतन शर्मा, कुटानी से सुरेंद्र मलिक, बलजीत मलिक, निंबरी से बीरू सरपंच, सरूप मलिक और रणधीर पहलवान शामिल हैं। इसी तरह से बबैल से एडवोकेट कृष्ण, धर्मेंद्र सिंह, सनौली से संजू सरपंच, पूर्ण डिडवाड़ी, हरिसिंह बाल जाटान, सुभाष बठला, दिवाना से बिन्ना, सोमबीर, बाबरपुर से बिंटू, सौंधापुर से मुकेश सैनी, महराना से अंकुश, गोयला खेड़ा से सोनू और इसराना से अनिल शामिल है।

निर्माण तोड़े जाने के विरोध में हाई कोर्ट जाएंगे : विकास

विकास मलिक ने बताया कि उनके पिता दिलबाग ने जिंदगी भर की कमाई से 15 साल पहले पीर वाली गली में फैक्ट्री व गोदाम बनाया था। जमीन में कारखाना दिखाया गया है। जिसमें जिसमें चाचा मनोज मलिक का एक ईंट का भी हिस्सा नहीं है। फिर भी प्रशासन ने निर्माण अवैध बताकर तोड़ दिए। उसका डेढ़ करोड़ का नुकसान हो गया है। इसे कार्रवाई के विरोध में वह पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जाएगा। इसके अलावा उसकी बबैल रोड की दुकान व ऊझा रोड के गोदाम का जो नोटिस भेजा है। उसका स्टे लेने के लिए कोर्ट जाएगा।

मनोज का नाम जबरन घसीटा जा रहा है : संजय बाबा

मनोज के भाई संजय बाबा ने कहा कि मनोज मलिक पर जो पुलिस ने दो केस दर्ज रखे हैं। उनकी जांच कुरुक्षेत्र में हो रही है। यहां की पुलिस द्वेष भावना से कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने उसके भाइयों के जो निर्माण अवैध बताकर जिला नगर योजनाकार ने तोड़े हैं, उनमें मनोज का हिस्सा नहीं है। फिर मनोज का नाम इस मामले में क्यों घसीटा जा रहा है।


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