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1971 युद्ध की यादें, पाकिस्तानी एयरफोर्स ने किया अंबाला एयरबेस पर अटैक, भारत ने लिया दमदार बदला

Memories of 1971 War 1971 के भारत और पाकिस्‍तान के बीच हुई जंग के दौरान 3 दिसंबर को पाकिस्‍तानी वायुसेना ने अंबाला एयरफोर्स स्‍टेशन पर हमला किया था। इसके बाद भारतीय वायुसेना पाकिस्‍तान पर कहर बन कर टूटा था।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 02:59 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 05:29 PM (IST)
1971 युद्ध की यादें, पाकिस्तानी एयरफोर्स ने किया अंबाला एयरबेस पर अटैक, भारत ने लिया दमदार बदला
हरियाणा के अंबाला एयरफोर्स स्‍टेशन की फाइल फोटो।

अंबाला, [कुलदीप चहल]। Memories of 1971 War: भारत-पाकिस्‍तान के बीच 1971 में जंग के दौरान पाकिस्‍तानी एयरफोर्स ने अंबाला एयरबेस पर हमला किया। पाकिस्‍तानी वायुसेना ने 3 दिसंबर 1971 से लगातार दो दिन तक अंबाला एयरफोर्स स्‍टेशन पर हमले किए, लेकिन कोई खास नुकसान नहीं कर सका। इसके बाद अंबाला एयरबेस से भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने पाकिस्‍तान पर ताबड़तोड़ हमले कर दिए। भारतीय एयरफोर्स के हमलों से पाकिस्‍तान कांप गया। 

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भारत-पाकिस्‍तान की 1971 की लड़ाई पर विशेष        

वर्ष 1971 में आज ही के दिन यानी तीन दिसंबर को अंबाला एयरबेस पर पाकिस्तान की वायुसेना ने अटैक किया था,  लेकिन वह उसे एयरबेस को नुकसान पहुंंचाने में कामयाबी नहीं मिली। पाकिस्‍तानी एयरफोर्स ने चार दिसंबर को भी अटैक किया, लेकिन इस बार भी वह अंबाला एयरबेस को नुकसान नहीं पहुंचा पाया। हालांकि चार दिसंबर को अंबाला में तैनात विंंग कमांडर एचएस मांगट ने अमृतसर एयरबेस से उड़ान भरी और अपनी टीम के साथ पाकिस्तान के कई महत्वपूर्ण ठिकानों को नष्ट किया। इसके लिए पाकिस्तान एयरफोर्स ने आपरेशन चंगेज खान लांच किया था। यह युद्ध 14 दिनों तक चला, जिसमें पाकिस्तान के 90 हजार सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने सरेंडर कर दिया था।

अंबाला तक पहुंचे थे पाक के बी-57 लड़ाकू जहाज

तीन दिसंबर 1971 को अंबाला कैंट स्थित एयरबेस पर पाकिस्तानी वायुसेना के बी-57 लड़ाकू जहाजों ने हमला करने के लिए उड़ान भरी। रात आठ बजकर पैंतालीस मिनट पर अंबाला एयरबेस पर हमला किया। इस अटैक में पाकिस्तान लड़ाकू जहाजों ने आठ बम गिराए, लेकिन एयरबेस का नुकसान नहीं कर पाए और लौट गए।

इसके बाद चार दिसंबर को अलसुबह ढाई बजे फिर से पाकिस्तानी वायुसेना ने अंबाला पर अटैक किया और इस बार फिर से नाकाम रहे। इसके बाद नौ दिसंबर की मध्यरात्रि को फिर पाक वायुसेना ने आक्रमण किया और इस बार भी मंसूबों में नाकाम रहे। पाक लड़ाकू जहाजों ने अंबाला एयरबेस से करीब छह किलोमीटर दूर अंबाला कैंट के साथ लगते गांव शाहपुर में बम गिराए और वापस लौट गए।

यह थी पाकिस्‍तानी वायुसेना की प्लानिंग

पाकिस्तान वायुसेना ने भारत के एयरबेस को ध्वस्त करने के लिए 'आपरेशन चंगेज खान' लांच किया। योजना अनुसार अमृतसर, अंबाला, आगरा सहित देश के 11 एयरबेस को निशाना बनाया जाना था। इसके अलावा अमृतसर और फरीदकोट में इंस्टाल किए गए रडार सिस्टम को भी निशाना बनाना योजना का हिस्सा था। अपने प्लान में पाकिस्तान कामयाब नहीं हो पाया।

अंबाला से इस तरह दिया गया था जवाब

पाकिस्तान द्वारा तीन दिसंबर को किए गए अटैक के बाद जवाबी कार्रवाई की तैयारी थी। अंबाला एयरबेस पर तैनात 32 स्कवाड्रन के विंग कमांडर एचएस मांगट अंबाला से अमृतसर मूव कर गए। यहां से उन्होंने चार दिसंबर को सुखोई लड़ाकू जहाज से पाकिस्तान के शोरकोट एयरफील्ड पर अटैक किया।

इसके साथ ही पाकिस्तान के बी-57 जहाज, एक मिराज व दो सेबर जेट सहित कई इमारतों को भी नुकसान पहुंचाया। इसके अलावा उन्होंने एक ट्रेन को भी निशाना बनाया, जो पाकिस्तानी सैनिकों के लिए युद्ध का सामान ले जा रही थी। इसी तरह फ्लाइट लेफ्टिनेंट अरुण वसंत ने भी सुखोई से पाकिस्तान के कुछ ठिकानों को निशाना बनाया, जिसके लिए उनको वीर चक्र भी मिला।


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