मैं जिंदा हूं... का सबूत लेकर घूम रहे बुजुर्ग की दर्द भरी दास्तां, सरकारी सिस्टम ने मृत दिखा बंद की पेंशन
करनाल से एक अजब-गजब मामला सामने आया है। एक बुजुर्ग अपने आपको जिंदा साबित करने के लिए दर-दर भटक रहा है। समाज कल्याण विभाग ने उसे मृत घोषित कर उसकी पेंशन रोक दी। उसे मृत घोषित किसने किया इसका जबाव भी विभाग के पास नहीं।
निगदू(करनाल), [संजीव गुप्ता]। करनाल में समाज कल्याण विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। डिजिटल के युग में जब आधार कार्ड, फैमिली आइडी, बैंक खाता लिंक हैं। बावजूद इसके एक 65 वर्षीय बुजुर्ग को अधिकारियों ने मृत घोषित कर दिया है। अपने हक की पैंशन के लिए अब लाठी के सहारे अधिकारियों की चौखट पर गुहार लगानी पड़ रही है।
पीड़ित जब भी समाज विभाग कार्यालय में जानकारी लेने जाता है तो अधिकारी उसे मुर्दा बताकर भगा देते हैं। इससे एक ओर जहां अपने घर और गांव में मजाक का पात्र बन रहे हैं, वहीं अपने आपको जीवित साबित करने के लिए कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
मृत घोषित करने वाला अधिकारी का पता नहीं
खाते में जब बुजुर्ग की पैंशन नहीं आई तो कार्यालय में उन्हें अपने साथ हुए इस सरकारी मजाक की जानकारी मिली। अब उन्हें मृत किसने और क्यों घोषित किया यह न तो अधिकारी बता रहे हैं और न ही गांव के जिम्मेदार। अधिकारी केवल उनकी शिकायत चंडीगढ़ भेजने की बात कहकर इंतजार करने की सलाह दे रहे हैं लेकिन इंतजार के चक्कर में इनका गुजारा कैसे होगा इसके बारे में कोई समाधान नहीं निकल रहा।
गांव कारसा डोड के रहने वाले हैं पीड़ित सोहन लाल
उपतहसील निगदू क्षेत्र के गांव कारसा डोड निवासी 65 वर्षीय सोहन लाल को विभाग ने 15 अप्रैल को मृत घोषित कर उनकी बुढापा पैंशन बंद कर दी थी। बुजुर्ग सोहन लाल का कहना है कि हरियाणा सरकार की बुढापा सम्मान भत्ता योजना आईडी नम्बर - 6091406 के तहत 1 अप्रैल 2017 से पैंशन का लाभ ले रहा हूं लेकिन अबकी बार अप्रैल माह की पैंशन बैंक खाते में नहीं आ पाई। जानकारी हासिल करने पर मालूम पड़ा कि 15 अप्रैल 2022 को मृत घोषित कर दिया गया है। पीड़ित के अनुसार तब से जिंदा होने का प्रमाण साबित करने के लिए भटक रहा हूं।
अधिकारी को कहा से बनवाकर दूं जिंदा होने का सुबूत
सोहन लाल ने बताया कि पैंशन विभाग अब जिंदा होने का सबूत मांग रहा है। जिसके लिए वह दर-दर की ठोकरे खा रहा है। उनका कहना है कि अगर किसी भी अधिकारी के पास अपना जिंदा होने का सबूत मांगने जाता हूं तो वह भी मुझे क्यों मजाक कर रहा है बात कहकर वापिस भेज देता है। जिला समाज कल्याण अधिकारी मनमर्जी से काम करते हैं। संबंधित मामले में उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि बुजुर्ग अपनी पैंशन का हकदार है। उनके कार्यालय में शिकायत देनी चाहिए ताकि मामले की जांच करवाकर संबंधित अधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके।