Move to Jagran APP

दर्दनाक, जन्म लेते ही पत्थर दिल मां-बाप ने ठुकराया, शिशु गृह में भी नहीं मिल रहा आश्रय

एक दिन की बच्‍ची को मां-बाप ने मॉडल टाउन एरिया में फेंक दिया था। अब उस बच्ची को बहादुरगढ़-कैथल शिशु गृह से लौटाया गया। वहीं पानीपत में शिशु घर न होने से उसको आश्रय नहीं मिल पा रहा।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 21 May 2020 01:25 PM (IST)Updated: Thu, 21 May 2020 01:25 PM (IST)
दर्दनाक, जन्म लेते ही पत्थर दिल मां-बाप ने ठुकराया, शिशु गृह में भी नहीं मिल रहा आश्रय
दर्दनाक, जन्म लेते ही पत्थर दिल मां-बाप ने ठुकराया, शिशु गृह में भी नहीं मिल रहा आश्रय

पानीपत [राज सिंह]। मा! तूने ऐसा क्यों किया कि मुझे आज कोई बेटी कहने वाला नहीं मिल रहा। मुझे हर द्वार से दुत्कारा क्यों जा रहा? मैंने ऐसा क्या गुनाह कर दिया कि कोई मुङो सीने से लगाने को तैयार नहीं। यह पीड़ा नौ महीने की उस बच्ची की है, जन्म देने के अगले दिन मां ने मॉडल टाउन थाना एरिया में फेंक दिया था।

loksabha election banner

नौ माह पहले एक दिन की बच्ची को पत्थर दिल मां-बाप ने मॉडल टाउन थाना एरिया में फेंक दिया था। सिर में गंभीर चोट भी लगी। अभागी को पहले इलाज मिलने में देर पर देर होती रही। अब उसे आश्रय नहीं मिल रहा है। कैथल और बहादुरगढ़ स्थित शिशु गृह से उसे लौटाया जा चुका है। फिलहाल वह रोहतक के हरिओम सेवा दल के आश्रम में मंदबुद्धि बच्चों संग रह रही है। छोटी बच्चियों को रखने की अनुमति नहीं होने के कारण आश्रम संचालक भी मजबूरी जता चुके हैं। 

पुलिस को मिली थी बच्‍ची

बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी), पानीपत की चेयरपर्सन एडवोकेट पदमा रानी ने बताया कि 7 सितंबर 2019 को यह बच्ची मॉडल टाउन थाना पुलिस द्वारा लाई गई थी। सिविल अस्पताल की स्पेशल न्यू बोर्न चाइल्ड केयर यूनिट (एसएनसीयू) में एडमिट कराया गया था। भर्ती रहते हुए दो बार खानपुर मेडिकल कॉलेज में बच्ची की हेड सर्जरी हुई। बच्ची करीब छह माह की हुई तो अस्पताल से उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। 

एडीसी प्रीति के प्रयास से उसकी रोहतक में सर्जरी हुई

एडीसी प्रीति के प्रयास से 16 मार्च 2020 को पीजीआइ रोहतक में एडमिट कराया, वहां भी सर्जरी हुई। 10 दिन बाद ही वहां से कॉल आ गई कि बच्ची स्वस्थ है ले जाओ। लॉकडाउन के कारण उसे ला नहीं सके तो 14 मई 2020 को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। सीडब्ल्यूसी रोहतक की मदद और हरिओम सेवा दल की एंबुलेंस से बच्ची को बहादुरगढ़ स्थित शिशु गृह ले गए, वहां रखने से इन्कार कर दिया। एडवोकेट पदमा के मुताबिक कैथल स्थित शिशु गृह लेकर गए, बच्ची को नहीं रखा गया। फिलहाल बच्ची हरिओम सेवा दल के शेल्टर होम में है। 

 

विभाग के डायरेक्‍टर के संज्ञान में मामला 

विभाग के डायरेक्टर के पूरा प्रकरण संज्ञान में है। बच्ची को पीजीआइ में भर्ती कराने का प्रयास जारी है। बता दें कि इस समय बच्ची जिस होम में है, वह मंदबुद्धि बड़े बच्चों के लिए है। जिला प्रशासन की अनुमति के बिना होम संचालक भी उसे रखना नहीं चाहते हैं। 

सात घंटे एंबुलेंस में रही बच्ची 

सीडब्ल्यूसी चेयरपर्सन के मुताबिक बच्ची के साथ सबसे अमानवीय व्यवहार बहादुरगढ़ शिशु गृह संचालकों ने किया। 14 मई को अपराह्न करीब ढाई बजे बच्ची को लेकर पहुंचे थे। रात्रि 10 बजे तक प्रवेश नहीं करने दिया। बच्ची गर्मी में भी एंबुलेंस में रही, बिस्तर पर भी नहीं लिटाने दिया। 

बच्ची का सिर काफी बड़ा 

नवजात को जब बेदर्दी से फेंका गया तो सिर में चोट लग गई थी। तक से अब तक तीन-चार बार सिर की सर्जरी हो चुकी है। इस कारण बच्ची का सिर भी औसत से कहीं बड़ा हो गया है। हालांकि, उसे खाने-पीने में कोई दिक्कत नहीं है। 

बच्ची का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। इस संंबंध में विभाग के अधिकारियों से बात कर पूरी जानकारी लेती हूं। बच्ची को इलाज की जरूरत होगी तो उसे अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। शेल्टर की जरूरत होती तो किसी शिशु गृह भेजा जाएगा। 

कमलेश ढांडा, मंत्री, महिला एवं बाल विकास शिशु गृह

यह भी पढ़ें : शराब के ठेके में जिंदा जल गए दो लोग, एक बचा, बाहर से बंद था दरवाजा

यह भी पढ़ें : पानीपत में चार और नए कोरोना वायरस पॉजिटिव केस आए सामने

यह भी पढ़ें : दो पैग से खुली भ्रष्‍टाचार की पोल, सामने आया फंड अप्रूवल के लिए अधिकारियों का खेल

यह भी पढ़ें : कुरुक्षेत्र में फूटा कोरोना बम, एक दिन में छह लोग पॉजिटिव

यह भी पढ़ें : Jind में बढ़ रहे Coronavirus केस, जैजैवंती युवक के बाद गांगोली की महिला भी पॉजिटिव

पानीपत की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.