धांधली के आरोप में पद्मश्री अवार्डी नरेंद्र पंचायती राज विभाग को 15 दिनों में देंगे स्पष्टीकरण
विकास कार्य में धांधली का आरोप लगने के बाद पंचायती राज विभाग ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। 15 दिनों में उन्हें अपना पक्ष रखना होगा।
पानीपत, जेएनएन। पशुपालन के लिए 2019 में पद्मश्री पुरस्कार हासिल करने वाले डिडवाड़ी गांव के नरेंद्र सिंह पर विकास कार्य में धांधली का आरोप लगने के बाद पंचायती राज विभाग ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। 15 दिनों में उन्हें अपना पक्ष रखना होगा। पंचायती राज विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उनके जवाब के आधार पर धांधली के इस मामले में आगे की कार्रवाई अमल में लाएंगे।
नरेंद्र सिंह दावा कर रहे हैं कि ग्राम सचिव के पद पर रहते हुए उन्होंने सरकारी फंड में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं की है। इसराना ब्लॉक के हड़ताड़ी गांव में 1.51 करोड़ रुपये के छह विकास कार्य हुए थे। टाइल की सड़क, बीसी चौपाल, नाला का निर्माण, सड़क निर्माण, टाइल की सड़क व फिरनी का निर्माण इसमें शामिल है।
बीडीपीओ ने जांच के बाद फंड में हेराफेरी करने का आरोप लगा रिपोर्ट विभाग को सौंप दी। रिपोर्ट के आधार पर उन्हें पंचायती राज विभाग के रूल-7 के तहत चार्जशीट किया गया है। विभाग ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। नरेंद्र ङ्क्षसह के जवाब से संतुष्ट न होने पर विभाग अलग से जांच अधिकारी नियुक्त करेगा। जांच में जो कुछ सामने आएगा उसी के आधार पर विभाग उन्हें जुर्माना लगाएगा।
मांडी गांव में भी राशि निकालने का आरोप
मांडी गांव का ग्राम सचिव रहते हुए नरेंद्र सिंह पर फरवरी 2020 में भी आंबेडकर भवन निर्माण की राशि, बिना कार्य पूरा हुए निकालने का आरोप लगा था। बीडीपीओ ने जिला प्रशासन को भेजी रिपोर्ट में बताया था कि भवन निर्माण के लिए 24 लाख 28 हजार रुपये की राशि एक वर्ष पूर्व मिली थी। ग्राम पंचायत ने कार्य पूरा नहीं कराया। आरोप है कि नरेंद्र ने सरपंच ज्योति देवी के साथ मिलकर 75 हजार रुपये निकाल लिए थे। बिल सत्यापित नहीं कराए और न ही मेजरमेंट बुक में कार्य दर्ज था। इस मामले की जांच भी चल रही है।
बीडीपीओ पर रिश्वत मांगने का आरोप
पद्मश्री अवार्ड विजेता, डिडवाड़ी वासी नरेंद्र सिंह ने अपना पक्ष रखते हुए बीडीपीओ ढाई लाख रुपए रिश्वत मांगने की बात कही है। रिश्वत नहीं देने पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें फंसाने का प्रयास किया गया। सभी विकास कार्य पूरे हैं, गली नंबर-2 पर विवाद है, वह अधूरी है। उनसे पहले ग्राम सचिव कुलदीप ने भी नाला निर्माण के लिए 17 लाख रुपये बैंक से निकलवाए थे। कुछ रिकॉर्ड विभाग को सौंप दिया है, बाकी जब मांगा जाएगा, सौंप दूंगा।