धान की आवक पड़ी मंद, बासमती पहुंची 3800 के पार
पानीपत और बाबरपुर मंडी में धान की आवक मंद पड़ने लगी है। 1509 और पीआर की आवक जहां बंद हो गई है वहीं किसान 1121 और बासमती किस्म को लेकर पहुंच रहा है। काफी किसानों ने भाव बढ़ने के इंतजार में धान को घर पर ही रखा हुआ है। जो अब लाने लगे है। ऐसे में आठ से दस हजार क्विंटल धान मंडी में हर रोज पहुंच रही है। हालांकि भाव में अभी भी कोई बढ़ोतरी नहीं हो पाई है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : पानीपत और बाबरपुर मंडी में धान की आवक मंद पड़ने लगी है। 1509 और पीआर की आवक जहां बंद हो गई है, वहीं किसान 1121 और बासमती किस्म को लेकर पहुंच रहा है। काफी किसानों ने भाव बढ़ने के इंतजार में धान को घर पर ही रखा हुआ है। जो अब लाने लगे है। ऐसे में आठ से दस हजार क्विंटल धान मंडी में हर रोज पहुंच रही है। हालांकि भाव में अभी भी कोई बढ़ोतरी नहीं हो पाई है।
मार्केट कमेटी कर्मचारी के मुताबिक सीजन की शुरूआत से लेकर 24 नवंबर तक पानीपत और बाबरपुर मंडी में 9 लाख 37 हजार 581 क्विंटल धान की खरीद हुई। इसमें 1509 किस्म 2 लाख 48 हजार 662 क्विंटल, 1121 व बासमती 5 लाख 17 हजार 343 क्विंटल, डीबी 10 हजार 95 क्विंटल, पीआर 1 लाख 71 हजार 576 और सरबती 120 क्विंटल क्विंटल शामिल है। उन्होंने बताया कि हाल में केवल 1121 और बासमती की आवक हो रही है। बाबरपुर मंडी सुपरवाइजर राजबीर ने बताया कि 1509 व पीआर की आवक पिछले कई दिन से बंद हो चुकी है। सोमवार को 1121 और बासमती की मिलाकर करीब 1200 क्विंटल की खरीद हुई। 1121 को 2550 से 2896 तक का भाव मिला। जबकि बासमती को 3000 से 3788 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिला। पानीपत मंडी सुपरवाइजर जसविदर ने बताया कि सोमवार को मंडी में 14 हजार क्विंटल धान की खरीद हुई। इसमें बासमती 850, डीबी 450 व 1121 किस्म 12 हजार 700 क्विंटल शामिल है। उन्होंने बताया कि बासमती को 3500 से 3811, डीबी (मुच्छल) को 2450 से 2500 व 1121 को 2750 से 3011 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिला। उन्होंने बताया कि करीब दस दिन और सीजन चलने की संभावना है। किसान ने भाव को चक्कर में रोक रखा था
जिले में 75 हजार हेक्टेयर में धान की रोपाई हुई थी। ज्यादातर की कटाई हो चुकी है और करीब 500 हेक्टेयर में ही हाल में धान की फसल खड़ी है। लेकिन पिछले साल के मुकाबले भाव कम मिलने पर काफी किसानों ने 1121 व बासमती किस्म की कटाई के बाद भाव बढ़ने के इंतजार में धान को मंडी लाने की बजाय घर पर ही रखा हुआ था। किसान रतन लाल, देवी सिंह ने बताया कि करीब दस दिन पहले 1121 किस्म की कटाई करा दी थी। भाव कम था तो बढ़ने के इंतजार में घर पर ही रख लिया था। काफी इंतजार के बाद भी भाव नहीं बढ़े तो अब मंडी लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि इस बार भाव कम मिलने से काफी घाटा हुआ है। खर्च तक पूरे नहीं हो पाए है।