ऑक्सीजन प्लांट का लाइसेंस मिला, सेंट्रल आपूर्ति नहीं शुरू
सरकारी चिकित्सा-स्वास्थ्य व्यवस्था लेटलतीफी की शिकार है। सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट डेढ़ साल पहले से तैयार है। लाइसेंस भी मिल चुका है लेकिन सैंट्रल सप्लाई शुरू नहीं हो सकी है।मदर एंड चाइल्ड केयर(एमसीएच) का निर्माण की घोषणा पर भी काम नहीं हो रहा है।
जागरण संवाददाता, पानीपत :
सरकारी चिकित्सा व स्वास्थ्य व्यवस्था लेटलतीफी की शिकार है। सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट डेढ़ साल पहले से तैयार है। लाइसेंस भी मिल चुका है, लेकिन सेंट्रल सप्लाई शुरू नहीं हो सकी है। मदर एंड चाइल्ड केयर (एमसीएच) के निर्माण की घोषणा पर भी काम नहीं हो रहा है।
सिविल अस्पताल की नई बिल्डिग का उद्घाटन नवंबर-2018 में हुआ था। इसी के साथ ऑक्सीजन प्लांट भी तैयार हो गया था। इसका उद्देश्य अस्पताल में ऑक्सीजन का पर्याप्त स्टॉक रखना, मैन पावर पर बोझ कम करना था। दो माह पहले लाइसेंस भी मिल चुका है। इसके बावजूद इमरजेंसी, ऑपरेशन थियेटर, लेबर रूम, सिक न्यू बॉर्न चाइल्ड केयर यूनिट(एसएनसीयू), विभिन्न वार्डों में सिलेंडरों से आपूर्ति की जा रही है। इस्तेमाल नहीं होने और देखरेख के अभाव में प्लांट में पाइपों में जंग लगने लगा है।
सिविल अस्पताल की पुरानी बिल्डिग को गिराकर अत्याधुनिक एमसीएच विग बननी है।12 करोड़ की धनराशि पीडब्ल्यूडी के खाते में पहुंच गई है। फाइल नक्शा बनने तक सिमट गई है।
एमसीएच विग नहीं बनने का नुकसान
मदर एंड चाइल्ड केयर (एमसीएच) विग, जैसा कि नाम से ज्ञात होता है कि एक छत के नीचे जच्चा-बच्चा का पूर्ण इलाज। फिलहाल प्रसूति वार्ड द्वितीय तल पर, स्पेशल न्यू बोर्न चाइल्ड केयर यूनिट चतुर्थ तल पर और ऑपरेशन थियेटर पंचम तल पर है।
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कोरोना महामारी में व्यस्तता के कारण बहुत से काम रुके हुए हैं। पुरानी बिल्डिंग में कोविड ओपीडी और आइसोलेशन वार्ड बनाया हुआ है। ऑक्सीजन प्लांट से सप्लाई जल्द शुरू कराई जाएगी।
डा. संतलाल वर्मा, सिविल सर्जन