बिना फॉग लाइट के कोहरे में दौड़ रही ओवरलोड बसें
भैंसवाल गांव के पास पॉल ट्रैवल्स बस हादसे में दो लोगों की मौत के बाद भी आरटीए और रोडवेज डिपो के अधिकारियों की नींद नहीं टूटी। एडीसी कार्यालय से महज 500 मीटर दूर रोजाना बिना फॉग लाइट लगी रोडवेज बसें और ओवरलोड प्राइवेट बसों में रोजाना सैकड़ों यात्री सफर करते है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : भैंसवाल गांव के पास पॉल ट्रैवल्स बस हादसे में दो लोगों की मौत के बाद भी आरटीए और रोडवेज डिपो के अधिकारियों की नींद नहीं टूटी। एडीसी कार्यालय से महज 500 मीटर दूर रोजाना बिना फॉग लाइट लगी रोडवेज बसें और ओवरलोड प्राइवेट बसों में रोजाना सैकड़ों यात्री सफर करते है। लेकिन विभागीय अधिकारी ऑटो और कैब का चालान काटकर खानापूर्ति कर देते है। हादसा होने या बस पलटने की स्थिति में अधिकारी एक दूसरे को जिम्मेदार बताकर दामन बचाते नजर आएंगे।
परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के आदेशों के बावजूद भी पानीपत डिपो की रोडवेज बसों में फॉग लाइटें नहीं लगी है। ठंड बढ़ने के साथ-साथ धुंध पड़नी शुरू हो गई है। सड़कों पर ²श्यता बहुत कम होने से दुर्घटना होने की संभावनाएं बढ़ गई है। पानीपत डिपो की बसें धड़ल्ले से छोटे और लंबे रूटों पर दौड़ाई जा रही है। विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से रोजाना हजारों यात्री जान दांव पर लगाकर बसों में सफर करने के लिए मजबूर हैं। वहीं उप्र और पानीपत के ट्रांसपोर्टरों के नाम से पंजीकृत प्राइवेट बसें रोजाना पानीपत से शामली रूट पर चलती है। इस कंपकंपाती ठंड में भी बस की छत पर सवारियां बैठाई जाती है। यात्री बस नहीं मिलने के कारण प्राइवेट बसों में सफर करना मजबूरी बताते है। सताता है हादसे का डर, तेज रफ्तार में कट मारते है चालक
फोटो नं - 15ए
किशनपुरा निवासी प्रदीप ने बताया कि इस तरह ओवरलोड बस में सफर करते समय हादसे का डर सताता है। समय पर शामली और मुजफ्फरनगर पहुंचने के लिए चालक तेज गति में कट मारते हुए लापरवाही से बस चलाता है। स्थानीय अधिकारी थोड़ा प्रयास करके यात्रियों के हिसाब से बस मुहैया कराए तो जान दांव पर लगाकर सफर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जीएम व्यस्त और टीएम बीमार, उड़ रही नियमों की धज्जियां
पानीपत रोडवेज डिपो के जीएम कलायत में एसडीएम का चार्ज भी संभाल रहे है। व्यस्त शेड्यूल के चलते प्राइवेट ट्रांसपोर्ट व्हीकल चालकों की धरपकड़ का जिम्मा टीएम कर्मबीर को सौंपा है। लेकिन वो भी पिछले कई दिनों से अवकाश पर है। शायद इसी बात का फायदा उठाकर वाहन चालक बेखौफ होकर मोटर व्हीकल एक्ट की धज्जियां उड़ा रहे है। वर्जन
समय-समय पर ओवरलोड वाहनों की चेकिग की जाती है। अगर कोई प्राइवेट बस ओवरलोड चल रही है, तो जल्द ही उसकी धरपकड़ कर चालान किया जाएगा।
शम्मी शर्मा, आरटीए सहायक सचिव।