खुदा का नूर है सब में नहीं इस बात को भूलो...
अंकन साहित्य मंच की ओर से आर्य पीजी कॉलेज में मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। कवियों-शायरों ने होली पर्व राजनीति सामाजिक मूल्यों से जोड़कर रचनाएं सुनायी। अहसानी की लिखित पुस्तक आइना-ए-करीमी का विमोचन भी हुआ।
जागरण संवाददाता, पानीपत : अंकन साहित्य मंच की ओर से आर्य पीजी कॉलेज में मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। कवियों-शायरों ने होली पर्व, राजनीति, सामाजिक मूल्यों से जोड़कर रचनाएं सुनायी। अहसानी की लिखित पुस्तक आइना-ए-करीमी का विमोचन भी हुआ।
धर्मेंद्र मुसाफिर ने रचना खुदा का नूर है सब में नहीं इस बात को भूलो,सुनाकर खूब वाहवाही बटोरी। ममता की व्याख्या करते हुए राकेश कुमार राजवंशी ने कहा वो जब भी देती है खुशियां दुआएं देती है। अजय राणा ने सुनाया कि खुशियों का दिन आया है भारत ने ट्रंप को बुलाया है, सुनाकर खूब हंसाया। केसर कमल शर्मा ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी को मिली जीत पर कहा, पांच साल लगा रहा केजरीवाल।
सुभाष भाटिया, हरगोविद झांब, सतबीर मेहरड़ा, सौरभ मासूम, रमेश चंद्र पुहाल, इंदिरा खुराना, ज्योति सैनी, चंद्रशेखर आजाद और कमलेश कुमार पालीवाल की रचनाओं पर भी देर तक तालियां सुनाई देती रही।