दर्दनाक, घर से फ्लैक्स बोर्ड उतारने लगा तो हाई वोल्टेज तार की चपेट में आया इकलौता बेटा, मौत
फ्लैक्स बोर्ड हाई वोल्टेज तारों से टकराने पर इकलौते बेटे की मौत हो गई। मृतक बिजली वितरण निगम में बतौर एसए के पद पर तैनात था। घर में लगे फ्लैक्स बोर्ड को हटाने के दौरान हादसा हो गया।
पानीपत/कुरुक्षेत्र, जेएनएन। बीडीपीओ कार्यालय के नजदीक अपने मकान से फ्लेक्स बोर्ड उतारते समय हाई वोल्टेज तारों का करंट लगने से इकलौते लड़के की मौत हो गई। वह फतेहाबाद के गांव समैण सब डिविजन के एसए (शिफ्ट अटेंडेंट) था। वीरवार को ही अपनी शिफ्ट की ड्यूटी करने के बाद अपने घर आया था। उसकी मौत से परिवार में मातम छा गया। थाना बाबैन पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजनों को सौंप दिया है।
गांव प्रतापगढ़ निवासी रविंद्र सैनी ने बताया कि उसका चचेरा भाई बाबैन निवासी जितेंद्र दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम टोहाना (फतेहाबाद) के गांव समैण में एसए के पद पर कार्यरत था। वह वीरवार रात को शिफ्ट की ड्यूटी कर अपने घर बाबैन आया था।
उसके घर पर पेंट का काम चल रहा था। घर के पिछले हिस्से में काम पूरा हो गया था, जबकि अगले हिस्से में काम चल रहा था। घर के बाहर बनी दुकानों व ग्रिल को पेंट करने के लिए जितेंद्र सिंह व उसके पिता गुरदयाल सिंह सुबह फ्लेक्स बोर्ड उतारने लगे।
इसके नजदीक से 11 केवी की हाई वोल्टेज तार गुजर रही है। वे जब फ्लेक्स बोर्ड उतार रहे थे तो बोर्ड बिजली की तारों से जा टकराया। जिससे उसके चाचा गुरदयाल सिंह को बिजली का करंट लग गया। जितेंद्र अपने पिता को बचाने लगा तो उसके पिता तो बच गए, लेकिन जितेंद्र को करंट लग गया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
एक साल पहले लगी थी नौकरी
रविंद्र सैनी ने बताया कि जितेंद्र सिंह करीब एक साल पहले ही शिफ्ट अटेंडेंट की नौकरी लगा था। इसके पहले वह बाबैन में अपने पिता के साथ बिजली के उपकरण की दुकान पर बैठता था। जितेंद्र सिंह टोहाना में ही रहता था। वह छुट्टी के दिन अपने गांव आ जाता था।
इकलौते पुत्र की मौत से टूट गया परिवार
जितेंद्र सिंह अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसकी करीब नौ साल पहले शादी हुई थी। उसके पास आठ साल की एक बेटी है। नौकरी लगने के बाद से परिवार काफी खुश था। पोस्टमार्टम रूम पर पहुंचे रिश्तेदारों व दोस्तों का कहना था कि खुशहाल परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। जितेंद्र सिंह के पिता गुरदयाल सिंह ने बीडीपीओ कार्यालय के पा बिजली की दुकान खोली थी। वे चार साल से बाबैन में ही रह रहे थे। पोस्टमार्टम के बाद स्वजन शव पैतृक गांव प्रतापगढ़ ले गए। यहां उसका अंतिम संस्कार किया गया।