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अनार और सेब से भी महंगा प्याज रसोई से हुआ दूर, 100 रुपये प्रति किलो पहुंचा दाम

प्याज के भाव आसमान छू रहे हैं। बाजार में 100 रुपये प्रति किलो प्याज बिक रहा है। हालात ये हैं कि अनार और सेब के दाम को भी प्याज पार कर गया।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 26 Nov 2019 10:58 AM (IST)Updated: Tue, 26 Nov 2019 04:18 PM (IST)
अनार और सेब से भी महंगा प्याज रसोई से हुआ दूर, 100 रुपये प्रति किलो पहुंचा दाम
अनार और सेब से भी महंगा प्याज रसोई से हुआ दूर, 100 रुपये प्रति किलो पहुंचा दाम

पानीपत, जेएनएन। प्याज के दाम अब लोगों को रूला रहे हैं। अनार और सेब से भी प्याज महंगा हो चला है। सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा होगा, लेकिन ये सच है। सेब और अनार जहां 80 रुपये में है, वहीं प्याज सौ रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है। आवक कम होने से दाम में उछाल है। आढ़तियों की मानें तो दो महीने तक प्याज की कीमतें कम होने के आसार नहीं है। सितंबर 2015 के बाद पहली बार प्याज इतना महंगा बिक रहा है।

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महंगा होने का कारण

दो महीने पहले राजस्थान और मध्यप्रदेश में हुई बारिश का असर प्याज पर अब देखने को मिल रहा है। सब्जी मंडी में सोमवार को थोक में प्याज का भाव 60-65 रुपये प्रति किलो रहा। रेहडिय़ों पर खुदरा बेचने वाले आवाज लगा 10 रुपये का 100 ग्राम बेच रहे हैं। वैवाहिक सीजन के चलते प्याज के भाव में गिरावट आने की संभावना नहीं है। सब्जी मंडी में आलू प्याज बेचने वाले आढ़तियों का कहना है कि दीपावली के बाद राजस्थान के अलवर से प्याज की आवक होती है। बारिश ज्यादा होने से वहां फसल खराब हो गई है। गुजरात के भावनगर और पुणे के नासिक से भी पानीपत में प्याज की गाडिय़ां आती है। अलवर में 2200 रुपये प्रति मन प्याज बिक रहा है। परिवहन व अन्य खर्चा जोडऩे के बाद पानीपत में थोक भाव 60 रुपये प्रति किलो है।

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600 कट्टे प्रतिदिन खपत

दाम बढऩे से पानीपत में दो ही गाडिय़ां प्याज की आ रही है। एक गाड़ी में 400 कट्टे होते हैं। आमतौर पर पानीपत में प्रतिदिन 600 कट्टे प्याज की खपत होती है। एक कट्टे में 50 किलोग्राम प्याज होता है। दाम में कमी होने का फिलहाल कोई आसार नहीं है।

सरकार बदल गई थी दिल्ली में 

कांग्रेस के शासनकाल में वर्ष 2010-11 में भी प्याज के भाव आसमान छूने लगे थे। प्याज विक्रेताओं ने बताया कि कि कांग्रेस के शासनकाल में जब प्याज महंगा हो गया तो भाजपा कार्यकर्ता रेहडिय़ों पर बाजार से 20-30 रुपये सस्ते भाव पर घर-घर जाकर पहुंचाते थे। अब भाजपा सरकार में यही प्याज लोगों को रुला रही है।

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प्याज 11 हजार 500 क्विंटल पहुंचना था, आया 1126 क्विंटल

राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) से 11 हजार 500 क्विंटल प्याज कांफेड के गोदाम में पहुंचना था। यहां से शहर के सभी राशन डिपो पर सप्लाई होनी थी। अभी तक मात्र 1126 क्विंटल प्याज ही पहुंचा है। ये हालात तब हैं जब खुदरा बाजार में प्याज के रेट 90-100 रुपये प्रति किग्रा. तक पहुंच गए हैं। 

डिपो में भी आपूर्ति बंद

विधानसभा चुनाव के दौरान प्याज का खुदरा दाम 70 रुपये के पार पहुंच गया था। केंद्र सरकार ने बीपीएल, अंत्योदय और ओपीएच श्रेणी के कार्ड धारकों को 31 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज वितरण का निर्णय लिया था। पानीपत के हिस्से में 11 हजार 500 क्विंटल प्याज आया था। ग्रामीण क्षेत्र के पात्र शहर के किसी भी डिपो से प्याज ले सकते थे। चुनाव से पहले दो किस्तों में 1126 क्विंटल प्याज तो डिपो पर पहुंच गया। इसके बाद ये आपूर्ति बंद है। 

स्टॉक आएगा या नहीं, अधिकारियों को नहीं पता

जिला खाद्य पूर्ति अधिकारी नरेश कुमार ने बताया कि प्याज का स्टॉक भविष्य में आएगा अथवा नहीं, इसकी सूचना नहीं है। हालांकि, 3108 क्विंटल प्याज अभी भी कुछ राशन डिपो के स्टॉक में मौजूद है।


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