एक हजार लोगों को हरियाणा-पंजाब के बॉर्डर पर रोका, शेल्टर में भेजे गए
लॉकडाउन के बावजूद दूसरे राज्यों से हरियाणा में आ रहे लोगों को रोका गया। उनके रहने और खाने की व्यवस्था की गई। साथ ही उनके स्वास्थ्य की जांच की जा रही है।
पानीपत/अंबाला, जेएनएन। कोरोना वायरस को देखते हुए लॉकडाउन की अवधि में लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने पर पूर्णरूप से पाबंदी है। बहुत से लोगों को राज्य सरकार ने भरोसा दिलाया है कि उनके यहां रहने और खाने पीने से लेकर तबीयत खराब होने पर इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी। बावजूद इसके पंजाब, हिमाचल और हरियाणा में काम करने आए लोग अपने परिवार के साथ पैदल ही घर जाने के लिए निकल पड़े। अब हरियाणा और पंजाब बार्डर को सील करके पुलिस के नाके लगा दिए गए हैं। मुख्य मार्ग से होकर उत्तर प्रदेश और बिहार अपने घर पैदल जाने के लिए निकले करीब एक हजार लोगों को पुलिस ने रोककर सेंटर पर ठहरा दिया है। इन सेंटरों में पहुंचने वालों को पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच करती है और उसके बाद रुकने की अनुमति दी जा रही है।
चंडीगढ़ हाईवे पर पंजाब-हरियाणा बार्डर के सद्दोपुर में एसआई सुभाष सिंह के नेतृत्व में नाका लगाया गया है। यहां से केवल एम्बूलेंस, ड्यूटी पास, प्राइवेट पास, दूध, ब्रेड, गैस सिलेंडर वाले वाहन के अलावा सरकारी विभाग के अधिकारियों के सरकारी वाहन को ही जाने दिया जा रहा है। इसके लिए पुलिस प्रशासन ने यहां पर पांच नाले के लिए, 8 रोड सेफ्टी के अलावा महिला मुलाजिमों की तैनाती की है। यह लोग बार्डर पर नाका लगाकर वाहनों की सघन पड़ताल कर रहे हैं। अगर कोई पैदल जा रहा है तो उसे लॉकडाउन की अवधि तक के लिए शहर के सेंटरों में शिफ्ट करा रहें हैं।
अंबाला शहर में बने तीन सेंटर
अंबाला शहर के मंजी साहब गुरुद्वारे के निकट सैनी स्कूल में अपने घर जा रहे लोगों को ठहरने से लेकर खाने पीने की व्यवस्था की गई। यहां मंगलवार तक 230 लोगों को ठहरा दिया गया है। इसी तरह श्री राधास्वामी व्यास परिसर में भी डेरे की तरफ से ऐसे लोगों के ठहरने से लेकर खाने पीने की व्यवस्था है। डेरे में करीब 590 लोगों के रूकने से लेकर खाने पीने की व्यवस्था है। ठीक इसी तरह कैथ माजरी के श्री विश्वकर्मा धर्मशाला में भी करीब 130 लोगों को रोका गया है। इन तीनों स्थान पर रुके हुए लोगों का स्वास्थ्य समय समय पर चेक किया जा रहा है। फिलहाल यहां पर किसी को भी कोरोना का संदिग्ध मरीज नहीं पाया गया है।
डेरा में दान को स्वीकार करने पर मनाही
अंबाला शहर के कैथ माजरी के निकट श्री राधा स्वामी सतसंग व्यास के अनुयायी सेवाभाव से यहां ठहरे हुए लोगों की मदद करने में जुटे हैं। डेरा की तरफ से यहां ठहरे हुए लोगों के लिए लंगर लगाया जा रहा है, इसमें किसी के भी दान को स्वीकार नहीं किया जा रहा है। खुद के बनाए गए भोजन वितरण में सोशल डिस्टेंस का ध्यान देते हुए सभी को खाना खिलाया जा रहा है।
रेडक्रास सोसायटी ने किए प्रबंध
अंबाला प्रशासन की सहयोगी संस्था रेडक्रास सोसायटी की तरफ से यहां रुकने वालों के लिए भोजन से लेकर अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। प्रशासन की तरफ से लॉकडाउन अवधि तक के लिए बनाए गए सेंटर में मास्क से लेकर अन्य जरूरी वस्तुएं रेडक्रास के साथ अन्य सामाजिक और स्वयंसेवी संस्थाएं पहुंचा रही हैं।
हाईवे पर देखा नाका तो खेत के बीच से निकले
पंजाब की तरफ से आ रहे कुछ लोग अंबाला-लुधियाना हाइवे पर नाका देखकर खेत के बीच से होकर अपने घर के लिए निकल पड़े। आगे चलकर उन्हें दूसरी जगह पुलिस मुलाजिमों ने रोक लिया और पूछताछ करने के बाद अंबाला शहर में बनाए गए सेंटर में पहुंचा दिया। पुलिस सेंटर में आने वालों से अपील कर रही है कि वह लॉकडाउन अवधि तक कहीं न जाएं, उनके रहने खाने से लेकर स्वास्थ्य सुविधा की मुकम्मल व्यवस्था की गई है।
पंजाब से आ रहे 12 युवकों को शेल्टर होम पहुंचाया
लॉकडाउन को लेकर प्रशासन की तरफ से शेल्टर होम में पंजाब से अआ करीब 12 युवकों को डीएसपी ने बंसतपुरा फाटक पर रोका, और कोरोना वायरस के बारे में जागरुक करते हुए सैनिटाइजर से हाथ धुलवाए। साथ ही मास्क लगवाकर रेलवे रोड स्थित एसएमएस गर्ल्स कॉलेज में ठहरा दिया। इनके स्वास्थ्य की जांच सीएचसी इंचार्ज से करवाया। डीएसपी अनिल कुमार ने पंजाब से आए युवकों को अपना ख्याल रखने को कहा। सभी बार-बार सैनिटाइजर से हाथ धोएं। कहा कि सभी की जान कीमती है। हमें सभी की सुरक्षा करनी है आप सुरक्षित हैं तो आप का परिवार भी सुरक्षित है। अगर आप हमारी बात नही मानेंगे तो आप को वापिस कर दिया जाएगा। हमारा लक्ष्य हैं इस महामारी कोरोना का हमें भगाना है। अगर आप इस चैन को तोड़ेंगे तो सभी का जीवन सकंट में आ सकता है इस लिए ध्यान रखो सुरक्षा चक्र बनाए रखे इसी में हमारी व हमारे परिवार की भलाई है।