बॉक्सर मनोज को अफसरशाही का पंच, ओलंपिक पोडियम से बाहर
ओलंपियन बॉक्सर मनोज कुमार को बिना जानकारी के ओलंपिक ओडियम से बाहर कर दिया गया है। उन्होंने खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर और स्पोर्ट्स अथॉरिटी की महानिदेशक को पत्र लिखा है।
पानीपत/कैथल [सुरेंद्र सैनी]। रिंग में बड़े से बड़े बॉक्सर को पंच से मात देने वाले ओलंपियन बॉक्सर मनोज कुमार अफसरशाही की राजनीति का शिकार हो रहे हैं। मनोज को ओलंपिक पोडियम स्कीम से बाहर कर दिया गया है। इस बारे में उन्हें कोई जानकारी भी नहीं दी गई है। मनोज और उनके कोच राजेश को मीडिया के माध्यम से यह जानकारी मिली है।
कोच राजेश ने खेल विभाग के अफसरों पर साजिश रचने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर और स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया की महानिदेशक नीलम कपूर को पत्र लिखा है।
ये है ओलंपिक पोडियम स्कीम
ओलंपिक पोडियम स्कीम में उन खिलाडिय़ों को शामिल किया जाता है जो ओलंपिक खेल चुके या आगामी ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करेंगे। इस स्कीम में खिलाडिय़ों को सभी सुविधाओं के साथ 50 हजार रुपये जेब खर्च के लिए दिए जाते हैं।
करियर को बर्बाद करने की साजिश का आरोप
खेल मंत्री को लिखे पत्र में मनोज कुमार के कोच राजेश कुमार ने कहा कि मनोज कुमार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व सबसे लंबे समय तक करने वाले बॉक्सर हैं। पिछले 20 साल से देश के लिए खेल रहे हैं। अधिकारी उनके करियर को बर्बाद करने की साजिश रच रहे हैं।
टॉप स्कीम से भी बाहर
पहले तो इलाज पर खर्च होने वाली राशि अधिकारियों ने अस्पताल में जमा नहीं कराई। अब चोटों का हवाला देते हुए टॉप स्कीम से बाहर कर दिया। शीर्ष योजना से किस आधार पर हटाया गया, इसकी जानकारी भी नहीं दी गई। जबकि एशियन गेम्स के बाद कोई भी बड़ी खेल प्रतियोगिता नहीं हुई है। उन मुक्केबाजों की पहचान बताई जाए जिन्हें योजना में शामिल किया गया। किस तरह दूसरे बॉक्सरों का प्रदर्शन मनोज के मुकाबले बेहतर है।
अधिकारियों पर गुमराह करने का आरोप
उन्होंने कहा कि रियो ओलंपिक के दौरान भी मनोज को खेलों से केवल एक महीने पहले ही इस स्कीम में शामिल किया गया था, जबकि उनकी उपलब्धि दूसरे बॉक्सरों के मुकाबले बेहतर थी। अधिकारी मीडिया को गलत रिपोर्ट देकर गुमराह कर रहे हैं।
देश के टॉप बॉक्सर हैं मनोज
कोच राजेश ने कहा कि अफसर साजिश रच रहे हैं कि अब बॉक्सर मनोज आगे बढऩे के लायक नहीं हैं, लेकिन यह गलत है। अब भी मनोज के भार वर्ग में कोई चुनौती नहीं है। मनोज सीनियर नेशनल एमेच्योर बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2017 में खेला और स्वर्ण पदक जीता। वहां सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज घोषित किया गया। राष्ट्रीय शिविर में शीर्ष क्रम के मुक्केबाज थे और पिछले साल अप्रैल में ऑस्ट्रेलिया में राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीता। जकार्ता में एशियाई खेलों के लिए क्वालीफाई किया, जहां दूसरे मुकाबले में चोट के चलते हार गए। पांच विश्व चैंपियनशिप में भाग लिया है। उनमें से वह तीन बार क्वार्टर फाइनल में पहुंचे।