फर्म से मिलीभगत करके अधिकारी कर गए 6.9 करोड़ का गबन, एसडीओ, एक्सईएन सहित कई पर केस
अधिकारियों और फर्म की मिलीभगत से 6.9 करोड़ का गबन हुआ। गबन का मामला सामने आने पर तत्कालीन एक्सईएन एसडीओ समेत पांच कर्मियों व फर्म पर केस किया गया।
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। तय समय पर एल्युमिनियम कंडक्टर व एबी केबल लगाने का कार्य पूरा न करने के बावजूद भी फर्म को भुगतान कर दिया गया। करीब 6.9 करोड़ रुपये का गोलमाल किया गया। मामले की शिकायत पर जांच कमेटी गठित की गई। कमेटी की जांच में फर्म अरविंद्रा इलेक्ट्रिकल व बिजली निगम के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है।
अब इस मामले में बिजली निगम निर्माण के एसडीओ संदीप पाहुजा की शिकायत पर तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता निर्माण सतीश कुमार, एसडीओ निर्माण बलवान सिंह, कार्यकारी अभियंता निर्माण करनाल केएस भोरिया, एसके मक्कड, लेखाकार नफे सिंह व अरविंद्रा इलेक्ट्रिकल फर्म पर धोखाधड़ी व गबन केस दर्ज हुआ है। गांधी नगर थाना प्रभारी अजीत सिंह का कहना है कि केस दर्ज कर लिया गया। जांच के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस को दी शिकायत के मुताबिक, फर्म अरविंद्रा इलेक्ट्रिकल चंडीगढ़ को 20 अगस्त 2014 को 11 केवी लाइन के नए निर्माण में 20 स्कवायर मिमी एल्यूमिनियम कंडक्टर स्टील रीनफोर्स के साथ सामग्री उपकरण आपूर्ति, इरेक्शन व 30 स्क्वायर कंडक्टर को हटाने का ठेका दिया गया। इसके स्थान पर 11 केवी लाइन 80 स्क्वायर एल्युमिनियम कंडक्टर स्टील रीनपोर्स व एबी केबल के साथ जोडऩा था। यह कार्य 19 मई 2015 तक पूरा होना था। तय समय पर यह कार्य पूरा नहीं हुआ, जबकि बिजली निगम के एसडीओ व अन्य अधिकारियों ने मिलीभगत कर अरविंद्रा इलेक्ट्रिकल को 10 करोड़ 16 लाख 681 रुपये जारी कर दी। मौके पर कार्य पूरा नहीं हुआ था। 33 फीडर में से 19 फीडर पर ही कार्य हुआ।करीब छह करोड़ रुपये का यह गबन किया गया।
शिकायत पर शुरू हुई थी जांच
तत्कालीन एसडीओ बिजली निगम की मिलीभगत से यह घोटाला हुआ। इस मामले की शिकायत हुई, तो 20 नवंबर 2019 को जांच कमेटी गठित की गई। कमेटी ने आरोपित फर्म अरविंद्रा इलेक्ट्रिकल को जांच में शामिल होने के लिए 22 नवंबर, 23 दिसंबर व 30 दिसंबर 2019 को नोटिस भेजे, लेकिन वहां से कोई भी जांच में शामिल नहीं हुआ। 24 जनवरी 2020 को कमेटी ने इस मामले में रिपोर्ट दी। जिसके आधार पर निगम को छह करोड़ नौ लाख 4 हजार 331 रुपये का घोटाला मिला। इस मामले में निगम के पैसे की भरपाई करने के लिए अरविंद्रा इलेक्ट्रिकल को 27 फरवरी 2020 को नोटिस दिया गया, लेकिन फर्म की ओर से यह भरपाई नहीं की गई।
इनकी भूमिका मिली गबन में
तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता निर्माण सतीश कुमार, एसडीओ निर्माण बलवान सिंह, कार्यकारी अभियंता निर्माण करनाल केएस भोरिया, एसके मक्कड, लेखाकार नफे सिंह की मिलीभगत से यह गबन किया गया। कमेटी ने जांच रिपोर्ट में इन अफसरों को भी दोषी बनाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन अधिकारियों व कर्मचारियों को निगम के हितों को संरक्षित करना था, लेकिन इन्होंने अपने पदों का गलत फायदा उठाया और फर्म को अनुचित लाभ पहुंचाया। इस अवैध कार्य में इन व्यक्तियों के सम्मिलित होने से इंकार नहीं किया जा सकता। इन्होंने साजबाज होकर व षड्यंत्र के तहत यह अपराध किया है।