पोस्ट कोविड मरीजों की संख्या बढ़ी, दिमागी बीमारी हुई आम समस्या, जानें लक्षण
पानीपत सिविल अस्पताल की मानसिक रोग विशेषज्ञ डा. मोना नागपाल ने बताया कि स्कूल के बैग का वजन अधिक होने से विद्यार्थियों के कंधों टांगों व दिमाग पर प्रतिकूल असर पड़ता है। परीक्षाफल में अभिभावक और शिक्षक नंबर गेम में अधिक विश्वास करने लगे हैं।
पानीपत, जागरण संवाददाता। पोस्ट कोविड दिमागी बीमारियों से ग्रस्त मरीजों की संख्या बढ़ी है। यूं तो यह रोग किसी भी आयु में हो सकता है। भागदौड़-तनाव भरी जीवनशैली में मस्तिष्क की बीमारियां आम समस्या हो गई है। इलाज से पहले बीमारियों के लक्षणों की पहचान करनी होगी। रोजमर्रा की लाइफ में कुछ असहज कर रहे हैं तो उसे दोहराने से बचें।
जंकफूड का सेवन को सेहत बिगाड़ रही
सिविल अस्पताल की मानसिक रोग विशेषज्ञ डा. मोना नागपाल ने बताया कि स्कूल के बैग का वजन अधिक होने से विद्यार्थियों के कंधों, टांगों व दिमाग पर प्रतिकूल असर पड़ता है। परीक्षाफल में अभिभावक और शिक्षक नंबर गेम में अधिक विश्वास करने लगे हैं। किशोर अवस्था में भी पढ़ाई को बोझ और साथी से आगे निकलने का दबाव रहता है। जंकफूड का सेवन को सेहत बिगाड़ ही रहा है। पढ़ाई पूरी होते ही करियर की चिंता सताने लगती है।जाब मिल गई तो फ्लैट, गाड़ी सहित लग्जरी सामान एकत्र करने की हसरत जवां होने लगती है। नौकरी नहीं मिली तो युवा कई बार नशे की लत के शिकार हो जाते हैं। बुजुर्गों में एकाकीपन सबसे बड़ी दिक्कत है। ये ऐसी दिक्कतें हैं जिनके कारण दिमागी समस्याएं बनी हुई हैं।
डा. नागपाल ने बताया कि दिमागी बीमारियों में सिर में दर्द, दौरे पड़ना, उदासी, उन्माद, मनस्ताप विकार, सेमैटोफोम डिस्आर्डर, मानसिक थकान, आब्सेसिव-कम्पल्सिव डिसआर्डर (ओसीडी) आदि शामिल हैं। बीमारी का पहला इलाज मरीज के पास है। उसे खुद पर नियंत्रण रखना होगा।
दौरे के लक्षण
- शरीर में अकड़न और ढीलापन।
- अचानक बेहोश होकर गिरना।
- दांत भींचना और जीभ कटना।
डिप्रेशन के लक्षण
-तनाव और चिंता से घिरे रहना ।
-घबराहट, उदासी और बेचैनी होना।
-मन में गलत विचारों का आना ।
-आत्महत्या के विचार आना, बार-बार रोना।
-नींद और भूख कम हो जाना ।
उन्माद के लक्षण :
-दिमागी फितूर में तोड़फोड़ करना ।
-बहकी-बहकी बातें करना ।
-बोलते रहना, खुद से बात करना।
-मृतक लोगों के नाम लेकर बात करना।
-शक करना, हिंसक होना ।
मनस्ताप के लक्षण :
-पसीना आना, कंपकंपी होना ।
-याद्दाश्त कमजोर होना, सफर में घबराहट।
-एक ही काम को बार-बार करना ।
ओसीडी के लक्षण :
-अनचाहे विचारों का बार-बार आना ।
-गंदगी का विचार आने पर बार-बार हाथ धोना ।
-वस्तुओं को अति सुव्यवथित रखना ।
मानसिक थकान के लक्षण :
-मांसपेशियों एवं ग्रंथियों में सूजन ।
-हलका सिरदर्द और बुखार रहना ।
-गले और पेट में सूजन का अहसास होना ।
-मानसिक रूप से थकावट रहना ।
बच्चों में मानसिक रोग के लक्षण :
-मंदबुद्धि बच्चे का अधिक चंचल होना ।
-एक जगह नहीं बैठना, उछलकूद करना।
-देर तक बोलना, खड़े रहना या बैठना ।
-पढ़ाई में कमजोर, स्कूल नहीं जाना ।
-अजीबोगरीब व्यवहार करना ।