कबूतरबाजों के झांसे में आया किसान, जमीन, जमा पूंजी और कर्जा, सब गंवाया
किसान के बेटे को अमेरिका भेजने का झांसा दे एनआरआइ दंपती ने ठगे 32 लाख रुपये। जमीन गिरवी रखकर सैलरी लोन और कर्ज लेकर दी थी दंपती को रकम। 10 लाख बेटे को स्वदेश लाने में खर्च हुए।
पानीपत, जेएनएन। करनाल के मूंड गांव के अजयदीप को अमेरिका भेजने का झांसा देकर मॉडल टाउन के एनआरआइ दंपती ने साथी संग मिल 32 लाख रुपये ठग लिए। किसान बाबूराम ने जमीन गिरवी रखकर, मिलिट्री में भर्ती बेटे के नाम सैलरी लोन लेकर और रिश्तेदारों से कर्ज लेकर रुपये दिए थे। अजय के अमेरिकी जेल में बंद होने पर आरोपित एनआरआइ दंपती ने हाथ खड़े कर दिए। मजबूरन 10 लाख रुपये खर्च कर बाबूराम को खुद बेटे को स्वदेश लाना पड़ा। अब आरोपित दंपती रुपये लौटाने के बजाय उसे जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं। पुलिस ने आरोपित एनआरआइ दंपती सहित तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
किसान बाबूराम ने बताया कि मॉडल टाउन के एनआरआइ बलबीर सिंह और उसकी पत्नी पिंकी ने 32 लाख रुपये में उसके बेटे अजय को कानूनी तरीके से अमेरिका भेजने की डील की थी। दंपती पहले अमेरिका में रहता था। दंपती ने 12 लाख रुपये एडवांस और 20 लाख बाद में लेने की बात कही। उनके झांसे में आकर उसने असंध की एक फर्म के पास अपनी एक एकड़ जमीन 10 लाख रुपये में गिरवी रख दी।
20 अप्रैल, 2018 को उसने बलबीर के घर आकर 12 लाख रुपये और बेटे अजय का पासपोर्ट उसे दे दिया। 24 अप्रैल को बलबीर ने उसे फोन करके अजय का अमेरिका का वीजा लगने का दावा कर अजय को दिल्ली लाने के लिए कहा। उसने पहाडग़ंज के अवतार होटल में अजय को एजेंट बलबीर के हवाले कर दिया। 26 अप्रैल की रात को अजय फ्लाइट से मॉस्को और दूसरी फ्लाइट से मिलान इटली में चला गया।
10-15 दिनों तक बसों और किश्ती में सफर करने के बाद अजय कोलंबिया पहुंच गया। वहां एजेंटों ने उसे एक कमरे में बंद कर प्रताडि़त किया। घर फोन करके बलबीर ङ्क्षसह को 10 लाख रुपये दिलाने का दबाव बनाया। बेटे का फोन आने पर वह दोस्त जसबीर संग मॉडल टाउन पहुंचा। वहां राजेश निवासी सौदापुर के माध्यम से पत्नी पिंकी को 10 लाख रुपये दिला दिए। मैक्सिको बॉर्डर पर पहुंचते ही एजेंटों ने अजय को दोबारा कमरे में बंद कर दिया और मारपीट कर फिर से 10 लाख रुपये की मांग की। इस बार बलबीर ने 10 लाख रुपये राजेश के घर देने के लिए कहा। उसने दोस्त जसबीर संग सौदापुर में राजेश के घर जाकर उसे 10 लाख रुपये दे दिए। 12-13 दिन मैक्सिको जेल में बंद रहने के बाद अजय ने दीवार कूदकर बॉर्डर क्रॉस किया तो उसे अमेरिकी पुलिस ने पकड़ कर जेल में डाल दिया।
14 माह जेल में रहा बंद, स्वदेश लौटने में खर्च हुए 10 लाख रुपये
अमेरिकी कोर्ट ने अजय को 14 माह जेल में बंद रहने की सजा सुनाई। इस दौरान परिवार का उससे कोई संपर्क नहीं हो पाया। वहीं एनआरआइ दंपती, राजेश और एजेंटों ने बाबूराम से कोई नहीं बातचीत की। इसके बाद अमेरिकी कोर्ट ने गैर-कानूनी तरीके से बॉर्डर क्रॉस करने के आरोप में अजय को स्वदेश वापस भेजने के आदेश दिए। बाबूराम को बेटे अजय को स्वदेश लाने में फिर से लगभग 10 लाख रुपये खर्च करने पड़े थे।
अब जान से मारने की धमकी
बेटे के स्वदेश लौटने पर बाबूराम ने मॉडल टाउन पहुंचकर एनआरआइ बलबीर सिंह से संपर्क किया। उसने रुपये वापस लौटाने की मांग की तो आरोपित ने एक माह का समय लिया। एक माह बीतने पर बाबूराम ने रुपये मांगे तो आरोपित बलबीर उन्हें जान से मारने की धमकियां देने लगा। बाबूराम ने बताया कि आरोपित राजेश भी कबूतरबाजी के इस धंधे में शामिल है।
पहले भी है दंपती पर दर्ज है कबूतरबाजी का मामला
आरोपित दंपती के खिलाफ जींद के ऐंचरा कलां गांव के इंजीनियर रोबिन ने भी साल 2018 में कबूतरबाजी का मामला दर्ज कराया था। दंपती ने रोबिन और उसकी पत्नी बबीता को अमेरिका भेजने के नाम पर लगभग 36 लाख रुपये ठगे थे। दंपती को साढ़े पांच माह अमेरिकी कैंप में भी बिताने पड़े थे। परिवार लगभग 20 लाख रुपये खर्च कर दंपती को स्वदेश लाया था। फिलहाल यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है।