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अब जुबानी करार पर नहीं होगा विदेश से चावल का कारोबार

चावल निर्यात में धोखाधड़ी रोकने को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कड़ा संज्ञान लिया है। अब जुबानी करार पर विदेश से कारोबार नहीं होगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Jul 2018 12:54 PM (IST)Updated: Thu, 26 Jul 2018 03:05 PM (IST)
अब जुबानी करार पर नहीं होगा विदेश से चावल का कारोबार
अब जुबानी करार पर नहीं होगा विदेश से चावल का कारोबार

पंकज आत्रेय, कैथल

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चावल निर्यात में धोखाधड़ी रोकने को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कमर कस ली है। अब बिना लिखित अनुबंध के जुबानी करार पर अरबों का कारोबार नहीं हो सकेगा। चावल निर्यातकों का ईरान में पहले से ही 1500 करोड़ रुपये का भुगतान अटका हुआ है। 10 जुलाई को दैनिक जागरण में समाचार छपने के बाद केंद्र सरकार ने ट्रेड एडवाइजरी जारी की है। अब गुणवत्ता और कारोबार से संबंधित विवादों के समाधान की गारंटी की स्थिति में ही औपचारिक निर्यात हो सकेगा। इसके तहत चावल निर्यातकों और आयातकों को अब भुगतान की गारंटी का अंडरटेकिंग देनी पड़ेगी।

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपेडा) के निदेशक डॉ. अरविंद गुप्ता ने बताया कि एपेडा की वेबसाइट पर ट्रेड एडवाइजरी उपलब्ध है। ईरान के आयातकों के खिलाफ शिकायतों के बाद यह कदम उठाया गया है।

कारोबारी सूत्रों के अनुसार पेमेंट रुकने से निर्यातक बैंकों के डिफॉल्टर हो रहे हैं। इन फर्मो के साथ बासमती चावल का कोई भी अनुबंध नहीं किया जाएगा। ब्राड रजिस्ट्रेशन कम एलोकेशन सर्टिफिकेट (आरसीएसी) भी जारी नहीं किया जाएगा। एपेडा में अनुबंध पंजीकरण से पहले विशेष सावधानी बरती जाएगी। कैसे हुई धोखाधड़ी

ईरान के मोहसिन और अवाजाह को बिना किसी लिखित ऑर्डर के उधार में निर्यात किया गया। मोहसिन ने वहां कम दाम में चावल बेचा और दो हजार करोड़ रुपये का साम्राज्य खड़ा कर लिया। अब वह निर्यातकों का भुगतान नहीं कर रहा है। ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ने केंद्र सरकार को इस बारे में शिकायत भेजी थी। माग की गई थी कि ईरान सरकार के साथ बातचीत करके फंसे हुए पैसे का भुगतान करवाया जाए। प्रति वर्ष 40 लाख टन बासमती का निर्यात

ईरान और सऊदी अरब को प्रति वर्ष 40 लाख टन चावल का निर्यात होता है। इसमें 16 लाख टन हरियाणा से, 16 लाख टन पंजाब से और शेष आठ लाख टन देश के अन्य राज्यों से जाता है। इसके अतिरिक्त 80 लाख टन गैर-बासमती चावल का निर्यात होता है।

ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय सेतिया ने कहा कि दैनिक जागरण में प्रकाशित समाचार के बाद सरकार ने संज्ञान लिया है। सुरक्षित कारोबार के लिए ट्रेड एडवाइजरी जारी की गई है। मोहसिन और अवाजाह फर्म में फंसे भुगतान के प्रयास तेज हो गए हैं। उनसे पूरा पैसा निकलवाया जाएगा।


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